FSSAI ने स्वामित्व वाले खाद्य पदार्थों (proprietary foods) के लिए सशर्त लाइसेंसिंग का प्रस्ताव रखा
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा स्वामित्व वाले खाद्य उत्पादों (proprietary foods) के लिए एक सशर्त लाइसेंसिंग ढांचा प्रस्तावित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- वे उत्पाद जिनके लिए किसी मौजूदा विनियमों के तहत कोई पहचान मानक निर्धारित नहीं किए गए हैं, लेकिन आम तौर पर अनुमत सामग्री (permitted ingredients) और योजक (additives) का उपयोग करके निर्मित किए जाते हैं, उन्हें स्वामित्व वाले खाद्य उत्पादों (proprietary foods) कहा जाता है।
- FSSAI ने कहा कि ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां खाद्य निर्माता स्वामित्व वाले खाद्य उत्पादों (proprietary foods) के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं जो उन उत्पादों से मिलते-जुलते हैं जिनके लिए निर्धारित मानक हैं।
सशर्त लाइसेंसिंग (Conditional Licensing)
FSSAI की सशर्त लाइसेंसिंग की अवधारणा ऐसे उत्पादों के बाजार में प्रवेश की जांच करेगी जहां मानकीकृत खाद्य उत्पादों (standardized food products) के अनुपालन से बचने के लिए उत्पाद की संरचना कोमें मामूली बदलाव किया जाता है।
बाजार में उपलब्ध सभी खाद्य उत्पादों को लेबलिंग, पैकेजिंग, विषाक्त पदार्थों और दूषित पदार्थों के मानकों सहित खाद्य मानकों का पालन करने की आवश्यकता है। खाद्य सुरक्षा नियमों में ऐसे मानक भी शामिल हैं जो मुख्य रूप से कुछ खाद्य उत्पादों की संरचना और पहचान मानकों पर ध्यान केंद्रित हैं।
इसलिए, FSSAI, स्वामित्व वाले खाद्य उत्पादों के मैपिंग का प्रस्ताव कर रहा है, जिसमें निकट से मिलते-जुलते मानकीकृत खाद्य उत्पाद श्रेणी हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI)
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का गठन वर्ष 2011 में किया गया था और यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। FSSAI अपने पर्यवेक्षण और विनियमन गतिविधियों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने के लिए जिम्मेदार है। FSSAI की वर्तमान अध्यक्ष रीता तेवतिया हैं और वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण सिंघल हैं। FSSAI का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
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