मलेशिया ने हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) के लिए दुनिया की पहली सस्ती नई दवा पंजीकृत की
हेपेटाइटिस सी के लिए दुनिया की पहली सस्ती और प्रभावी नई दवा मलेशिया द्वारा पंजीकृत की गई है। यह नई दवा दुनिया भर में उन लाखों लोगों के लिए सुलभ उपचार की आशा प्रदान करती है जो इस बीमारी से पीड़ित हैं।
मुख्य बिंदु
- हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) के शुरुआती लक्षण बहुत कम होते हैं, इसलिए इसका निदान (diagnose) करना बहुत मुश्किल हो जाता है और इसे साइलेंट किलर कहा जाता है।
- रविदासवीर (ravidasvir) नाम की दवा को जून के महीने में सोफोसबुवीर (sofosbuvir) नाम की एक मौजूदा दवा के साथ उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है।
- मलेशियाई सरकार ने दवा विकसित करने के लिए Drugs for Neglected Diseases Initiative (DNDi) के साथ भागीदारी करने के पांच साल बाद यह मंजूरी दी।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व स्तर पर लगभग 71 मिलियन लोग हेपेटाइटिस सी के साथ जी रहे हैं, जो एक रक्त-जनित वायरस है जो यकृत कैंसर (liver cancer) के प्रमुख कारणों में से एक है और सिरोसिस (cirrhosis) का कारण बन सकता है।
- हेपेटाइटिस सी का कोई टीका नहीं है।
- हेपेटाइटिस सी की दवाएं बहुत महंगी होती हैं और कभी-कभी निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों के मरीजों की पहुंच से बाहर हो जाती हैं।
क्लिनिकल परीक्षण
थाईलैंड और मलेशिया में क्लिनिकल परीक्षण किए गए। क्लिनिकल ट्रायल में 300 लोग शामिल हुए। एक रोगी, जो इस बीमारी से पीड़ित था, इलाज शुरू करने के तीन महीने बाद, उसमे वायरस का कोई निशान नहीं दिखा। रिपोर्टों से पता चला है कि दवा संयोजन अत्यधिक प्रभावी है और 97% मामलों में रोगियों को ठीक करता है।
निष्कर्ष
इस बीमारी का सस्ता इलाज पीड़ितों की मदद करेगा। WHO ने वर्ष 2030 तक नए संक्रमणों को 90% तक और मौतों को 65% तक कम करके इस बीमारी को खत्म करने की योजना बनाई है।
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