बेरोजगारी के कारण आत्महत्या पर NCRB ने डाटा जारी किया
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau – NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2016 से 2019 तक बेरोजगारी के कारण आत्महत्या के मामलों में 24% की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- NCRB के अनुसार , 2019 में बेरोजगारी के कारण 2,851 लोगों की आत्महत्या से मृत्यु हुई।
- यह आंकड़ा 2016 में 2,298 आत्महत्याओं से बढ़ गया है।
- कर्नाटक ने 2019 में बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की सबसे बड़ी संख्या (553) दर्ज की।
- कर्नाटक के बाद महाराष्ट्र में 452 मामले और तमिलनाडु में 251 मामले हैं।
कोविड-19 ने बेरोजगारी में वृद्धि की
NCRB की यह रिपोर्ट कोविड-19 के देश में आने से पहले के आंकड़ों से संबंधित है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुख्य कार्यकारी के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच 10 मिलियन से अधिक भारतीयों ने अपनी नौकरी खो दी है। महामारी के कारण घरों की आय में भी 97% की गिरावट आई है।
बच्चों में आत्महत्या
NCRB के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 2017 से 2019 के बीच 14 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के 24,000 से अधिक बच्चों ने आत्महत्या की। परीक्षा में फेल होने के कारण आत्महत्या करने वालों की संख्या 4,000 है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau – NCRB)
NCRB भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code – IPC) और विशेष व स्थानीय कानूनों के अनुसार अपराध डेटा एकत्र और विश्लेषण करने के लिए एक भारतीय सरकारी एजेंसी है। इसकी स्थापना 1986 में अपराध और अपराधियों पर सूचना के भंडार के रूप में कार्य करने के लिए की गई थी। इस एजेंसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह गृह मंत्रालय के तहत काम करती है। आईपीएस रामफल पवार NCRB के वर्तमान निदेशक हैं।
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