IMD ने कृषि-स्वचालित मौसम स्टेशनों (Agro-Automatic Weather Stations) की स्थापना का कार्य शुरू किया
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने किसानों पर विशेष ध्यान देने वाले लोगों को सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए कृषि-स्वचालित मौसम स्टेशनों (Agro-Automatic Weather Stations – AWS) की स्थापना का काम शुरू कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- यह जानकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नेटवर्क के तहत कृषि विज्ञान केंद्रों में स्थित जिला कृषि मौसम इकाइयों (District Agromet Units में यह स्थापना की गई है।
- वर्तमान में, भारत में 43 मिलियन किसान सीधे SMS के माध्यम से “एग्रोमेट एडवाइजरी” प्राप्त करते हैं।
- ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (GKMS) नामक योजना के तहत ब्लॉक स्तरीय एग्रोमेट एडवाइजरी सर्विसेज प्रदान करने के लिए 200 जिला कृषि मौसम इकाइयों में एग्रो-एडब्ल्यूएस (Agro-AWS) स्थापित किये जा रहे हैं।
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (Gramin Krishi Mausam Sewa – GKMS)
GKMS योजना के साथ-साथ मौसम आधारित ऑपरेशनल AAS (Agromet Advisory Service) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के सहयोग से IMD द्वारा प्रदान किया जाता है। यह योजना भारत में कृषक समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए मौसम आधारित फसल और पशुधन प्रबंधन रणनीतियों और संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के तहत जिला और ब्लॉक स्तर पर मध्यम अवधि के मौसम का पूर्वानुमान तैयार किया जाता है। इस पूर्वानुमान के आधार पर, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ सह-स्थित एग्रोमेट फील्ड यूनिट्स (AMFU) और KVK में DAMU द्वारा एग्रोमेट एडवाइजरी तैयार की जाती है और किसानों को सूचित किया जाता है। प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को सलाह दी जाती है जो किसानों को दिन-प्रतिदिन के कृषि कार्यों पर निर्णय लेने में मदद करती है।
यह चेतावनी कैसे जारी की जाती है?
- IMD GKMS योजना के तहत किसानों को समय पर अलर्ट और चेतावनियां जारी करने के लिए वर्षा की स्थिति और मौसम की गड़बड़ी की निगरानी भी करता है।
- समय पर संचालन करने के लिए उपयुक्त उपचारात्मक उपायों के साथ-साथ चरम मौसम की घटनाओं के लिए SMS-आधारित अलर्ट और चेतावनी जारी की जाती है।
- किसान पोर्टल के माध्यम से मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, दूरदर्शन, रेडियो, इंटरनेट के साथ-साथ SMS जैसे मल्टीचैनल प्रसार प्रणाली का उपयोग करके किसानों को एग्रोमेट सलाह दी जाती है।
मेघदूत एप्प (Meghdoot App)
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने ‘मेघदूत’ नाम से एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है, यह एप्प किसानों को मौसम सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा।
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