इंदौर बना भारत का पहला ‘वाटर प्लस’ शहर
भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को अब स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत भारत का पहला वाटर प्लस शहर घोषित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- स्वच्छता के प्रति अपने दृढ़ संकल्प और समर्पण के लिए इंदौर पूरे देश के लिए मिसाल बन गया है।
- इंदौर सिटी को यह सर्टिफिकेट केंद्र सरकार से 11 अगस्त, 2021 को मिला था।
- यह प्रमाणीकरण नदियों और नालों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रदान किया जाता है।
यह प्रमाणन कैसे प्रदान किया जाता है?
प्रमाणन प्राप्त करने के लिए, निम्नलिखित मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
- गंदा पानी किसी नदी या नाले में नहीं जाना चाहिए।
- इसके अलावा, शहर के 30% सीवर पानी को पुनर्चक्रित (recycle) और पुन: उपयोग (reuse) करने की आवश्यकता है।
- सार्वजनिक शौचालयों को सीवर लाइन से जोड़ा जाना चाहिए और इसे साफ किया जाना चाहिए।
स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan)
यह भारत के शहरों और कस्बों में स्वच्छता का एक वार्षिक सर्वेक्षण है। इसे स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) के तहत लॉन्च किया गया था। यह अभियान 2 अक्टूबर, 2019 तक भारत को स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। पहला सर्वेक्षण 2016 में किया गया था और इसमें 73 शहरों को शामिल किया गया था। 2020 तक, 4242 शहरों को कवर करने के लिए सर्वेक्षण में वृद्धि हुई। इसे दुनिया भर में सबसे बड़े स्वच्छता सर्वेक्षण के रूप में चिह्नित किया गया था।
सर्वेक्षण का उद्देश्य
यह सर्वेक्षण बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने और कचरा मुक्त और खुले में शौच मुक्त शहरों की दिशा में पहल की स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य शहरों और कस्बों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना है।
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