रामसर की सूची में चार और भारतीय आर्द्रभूमि (wetlands) जोड़ी गईं
रामसर सूची में भारत से चार और आर्द्रभूमि जोड़ी गयी हैं और रामसर सम्मेलन (Ramsar Convention) के अनुसार वैश्विक महत्व के आर्द्रभूमि के रूप में चिन्हित किये गए हैं।
मुख्य बिंदु
- भारत एक दर्जन से अधिक संकटग्रस्त और निकट संकटग्रस्त पक्षी प्रजातियों का घर है।
- शामिल की गई चार साइटें हैं:
- गुजरात से थोल
- गुजरात से वाधवाना
- हरियाणा से सुल्तानपुर
- हरियाणा से भिंडावा
- ये साइटें लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (Egyptian Vulture), सोशियेबल लैपविंग (Sociable Lapwing), सेकर फाल्कन (Saker Falcon) और डालमेटियन पेलिकन (Dalmatian Pelican) के घर हैं।
भारत में रामसर स्थलों की संख्या
नवीनतम वृद्धि के साथ, भारत में रामसर स्थलों की संख्या 46 तक पहुंच गई है। इन 46 स्थलों का क्षेत्रफल 1,083,322 हेक्टेयर है।
रामसर सूची क्यों बनाई गई?
रामसर सूची को आर्द्रभूमि के एक अन्तर्राष्ट्रीय नेटवर्क को विकसित करने और बनाए रखने के उद्देश्य से बनाई गयी थी जो वैश्विक जैविक विविधता को संरक्षित करने और अपने पारिस्थितिक तंत्र घटकों, प्रक्रियाओं और लाभों को बनाए रखने के लिए मानव जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
आर्द्रभूमि का महत्व
आर्द्रभूमि जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे भूजल को शुद्ध करते हैं। वे बाढ़ और सूखे के खिलाफ एक प्राकृतिक स्पंज के रूप में भी काम करते हैं और हमारे समुद्र तटों की रक्षा करते हैं। वे जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी भूमिका निभाते हैं। वे शहरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं और शहरी बाढ़ को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य (Bhindawas Wildlife Sanctuary)
यह हरियाणा की सबसे बड़ी आर्द्रभूमि है। मानव निर्मित मीठे पानी की इस आर्द्रभूमि में 250 से अधिक पक्षी प्रजातियां शामिल हैं। पक्षी प्रजातियां पूरे साल इस अभयारण्य का उपयोग आराम करने और बसने के लिए करती हैं। यह स्टेपी ईगल, लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध, ब्लैक-बेलिड टर्न और फिश ईगल जैसी दस से अधिक विश्व स्तर पर खतरे वाली प्रजातियों का भी समर्थन करता है।
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park)
हरियाणा का यह पार्क निवासी, शीतकालीन प्रवासी और स्थानीय प्रवासी जलपक्षियों की 220 से अधिक प्रजातियों को सहायता प्रदान करता है।
थोल झील वन्यजीव अभयारण्य (Thol Lake Wildlife Sanctuary)
यह गुजरात में मध्य एशियाई फ्लाईवे पर स्थित है। यह 320 से अधिक पक्षी प्रजातियों और 30 से अधिक संकटग्रस्त जलपक्षी प्रजातियों जैसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद-पंख वाले गिद्ध, लैपविंग, कॉमन पोचार्ड आदि का समर्थन करता है।
वाधवाना वेटलैंड (Wadhwana Wetland)
यह गुजरात में स्थित एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि है। यह अपने पक्षी जीवन के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह मध्य एशियाई फ्लाईवे पर प्रवास करने वाले प्रवासी जलपक्षियों को सर्दियों का मैदान प्रदान करता है।
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