जम्मू-कश्मीर: स्वयं सहायता समूहों के लिए ‘साथ’ पहल लांच की गयी
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 1 सितंबर, 2021 को स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के लिए ‘साथ’ नामक ग्रामीण उद्यम त्वरण कार्यक्रम (Rural Enterprises Acceleration Programme) लांच किया।
मुख्य बिंदु
- इस पहल से जम्मू-कश्मीर में लगभग 48,000 स्वयं सहायता समूहों को मदद मिलेगी, जिसमें लगभग चार लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं।
- ‘साथ’ पहल इन महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के परामर्श और बाजार संबंधों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- सरकार का आगामी वर्षों में 11,000 और स्वयं सहायता समूह बनाने का भी लक्ष्य है।
- यह मंच इन महिलाओं के जीवन को बदल देगा और उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से स्वतंत्र और मजबूत बनाएगा।
पहल का उद्देश्य
यह पहल स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बदलने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य छोटे कार्यों में लगी ग्रामीण महिलाओं की आजीविका में तेजी लाना है। छोटे कार्य वे होते हैं जिनमें उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं होता और मार्केटिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग के बारे में जानकारी का अभाव होता है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को सभी कौशल सिखाना और उनके छोटे व्यवसायों को उच्च स्तर के उद्यमों में बदलना है। यह महिलाओं को नौकरी देने वालों में बदलने और आगे रोजगार पैदा करने का प्रयास करता है।
महिलाओं को प्रशिक्षण
इस पहल के तहत शुरुआत में 5,000 महिलाओं के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। 5,000 में से 500 को गहन प्रशिक्षण के लिए और 100 को मेंटरिंग के लिए चुना जाएगा। कृषि, कुक्कुट पालन, पशुपालन, हथकरघा, हस्तशिल्प आदि 10 विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उम्मीद योजना
‘साथ’ पहल को उम्मीद योजना के अनुरूप शुरू किया गया था जिसने महिलाओं को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाया।
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