चीन ने मंगल मिशन के लिए छोटा हेलीकॉप्टर विकसित किया

चीन ने भविष्य के मंगल मिशनों पर निगरानी कार्य के उद्देश्य से एक प्रोटोटाइप छोटा हेलीकॉप्टर विकसित किया है।

मुख्य बिंदु

  • चीनी अंतरिक्ष विज्ञान एजेंसी के अनुसार, इस छोटे हेलीकॉप्टर को मंगल पर रोबोटिक रोवर की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद विकसित किया गया है।
  • प्रोटोटाइप हेलीकॉप्टर दिखने में रोबोटिक हेलीकॉप्टर इनजेन्यूटी (Ingenuity) के समान है, जिसे नासा ने अपने परसेवेरांस (Perseverance) मिशन के लिए विकसित किया था।
  • चीनी प्रोटोटाइप हेलीकॉप्टर में दो रोटर ब्लेड, एक सेंसर और कैमरा बेस और चार पतले पैर शामिल हैं। हालाँकि, इसमें इनजेन्यूटी की तरह शीर्ष पर सोलर पैनल शामिल नहीं है।
  • चीन ने 2033 में मंगल ग्रह पर अपने पहले चालक दल के मिशन  (crewed mission) की योजना बनाई है।

चीन का रोवर

चीन ने मई, 2021 में अपने मार्स रोवर को मंगल गृह पर उतारा। यह मंगल ग्रह पर चीन का पहला मिशन था। मंगल ग्रह पर इस तरह के मिशन को उतारने वाला यह अमेरिका के बाद दूसरा देश बन गया है।

परसेवरांस रोवर (Perseverance Rover)

  • परसेवरांस रोवर एक खगोल विज्ञान मिशन है। इस मिशन का उद्देश्य मंगल में प्राचीन माइक्रोबियल जीवन के संकेतों को खोजना है।
  • मंगल ग्रह की चट्टान और रेजोलिथ (टूटी हुई चट्टान और धूल) को इकट्ठा करने के लिए पेरसेवेरांस पहला मिशन है।
  • इससे पहले ‘क्यूरोसिटी’ रोवर मंगल ग्रह पर भेजा गया था।
  • इस रोवर में सात पेलोड इंस्ट्रूमेंट्स, दो माइक्रो फोन और 19 कैमरे हैं।
  • यह मंगल ग्रह मिट्टी को ड्रिल करेगा और मंगल की चट्टानों के मुख्य नमूने एकत्र करेगा।

मार्स 2020 मिशन (Mars 2020 Mission)

मार्स 2020 मिशन जुलाई 2020 में लांच किया गया था। यह नासा के मंगल अन्वेषण कार्यक्रम का एक हिस्सा है। मार्स 2020 मिशन को एटलस वी लॉन्च वाहन (Atlas V Launch Vehicle) से लॉन्च किया गया था।

यह 2020 में मंगल ग्रह के लिए लॉन्च किए गए तीन मिशनों में से एक है। अन्य दो मंगल मिशन इस प्रकार थे:

  • तियानवेन-1 मिशन चीन द्वारा लांच किया गया था।
  • यूएई द्वारा ‘होप ऑर्बिटर’ को लांच किया गया था।

इन्जेन्यूटी हेलीकाप्टर (Ingenuity Helicopter)

  • इन्जेन्यूटी दूसरे ग्रह में संचालित उड़ान का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है।
  • नासा इन्जेन्यूटी हेलीकॉप्टर की मदद से परीक्षण उड़ानों का प्रदर्शन करेगा।
  • इन्जेन्यूटी हेलीकाप्टर की मुख्य चुनौती यह है कि इसे -130 डिग्री फ़ारेनहाइट के कम तापमान में जीवित रहना होगा। इस तरह के कम तापमान इस क्राफ्ट पर बैटरियों को फ्रीज और क्रैक कर सकते हैं।
  • इस हेलीकॉप्टर का वजन 8 किलोग्राम है।
  • यह एक सौर ऊर्जा संचालित हेलीकाप्टर है।
  • हेलीकॉप्टर की पूर्ण गति 2,400 आरपीएम है।
  • मार्स 2020 मिशन के एक भाग के रूप में परसेवरांस रोवर द्वारा इन्जेंयुटी हेलीकॉप्टर को मंगल ग्रह की सतह पर र

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