प्रधानमंत्री मोदी ने Eastern Economic Forum (EEF) के प्लेनरी सत्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 सितंबर, 2021 को Eastern Economic Forum (EEF) के सत्र को संबोधित किया।

मुख्य बिंदु

  • इस सत्र के दौरान, प्रधानमंत्री ने कहा कि, भारत-रूस ऊर्जा साझेदारी वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता ला सकती है। वहीं इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर दोनों देशों को करीब लाएगा।
  • Eastern Economic Forum (EEF) का प्लेनरी सत्र व्लादिवोस्तोक में आयोजित किया गया था।

पृष्ठभूमि

EEF एक अंतरराष्ट्रीय बैठक है, जो रूस के संसाधन संपन्न लेकिन अविकसित सुदूर पूर्व क्षेत्र में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए व्लादिवोस्तोक में प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। रूस ने इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए भारत को सक्रिय रूप से शामिल किया है, जिसके बाद भारत ने EEF 2019 के दौरान सुदूर पूर्व के लिए $1 बिलियन की लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की थी।

भारत-रूस सहयोग

  • ऊर्जा भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभों में से एक है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकती है।
  • दोनों देश चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारा भी बना रहे हैं। यह कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ (ट्रांसपोर्ट) कॉरिडोर दोनों देशों को करीब लाएगा।
  • भारत का मझगांव डॉक्स लिमिटेड (भारत का सबसे बड़ा शिपयार्ड) दुनिया में महत्वपूर्ण वाणिज्यिक जहाजों के निर्माण के लिए ज़्वेज़्दा में रूसी जहाज निर्माण सुविधा के साथ साझेदारी करेगा।
  • भारत और रूस भी गगनयान कार्यक्रम के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में भागीदार हैं।
  • दोनों अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए उत्तरी समुद्री मार्ग खोलने में भी भागीदार होंगे।

पूर्वी आर्थिक मंच (Eastern Economic Forum – EEF)

EEF रूस के व्लादिवोस्तोक में हर साल आयोजित की जाने वाली बैठक है। यह रूसी सुदूर पूर्व क्षेत्र में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित की जाती है। यह पहली बार सितंबर 2015 में व्लादिवोस्तोक में सुदूर पूर्वी संघीय विश्वविद्यालय में आयोजित की गयी थी।

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