भारत बना प्लास्टिक समझौता (Plastics Pact) लांच करने वाला पहला एशियाई देश
भारत 3 सितंबर, 2021 को प्लास्टिक समझौता (Plastics Pact) लांच करने वाला पहला एशियाई देश बन गया है।
मुख्य बिंदु
- इस नए प्लेटफॉर्म को World-Wide Fund for Nature-India (WWF India) ने भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry – CII) के सहयोग से विकसित किया है।
- यह प्लास्टिक के लिए एक सर्कुलर सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
- भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त अलेक्जेंडर एलिस द्वारा नया प्लेटफार्म लॉन्च किया गया।
- यह एक सर्कुलर प्लास्टिक सिस्टम के निर्माण के लिए प्रतिज्ञा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख उद्यमों को एक साथ लाएगा।
समझौते का उद्देश्य
- इस समझौते के तहत प्रतिबद्धताओं का उद्देश्य अर्थव्यवस्था और प्राकृतिक वातावरण से प्लास्टिक की पैकेजिंग को बाहर रखना है।
- इसमें प्रमुख FMCG ब्रांडों, निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और पुनर्चक्रणकर्ताओं (recyclers) सहित 17 व्यवसायों का उल्लेख किया गया है जिन्होंने संस्थापक सदस्यों के रूप में समझौते के साथ प्रतिबद्ध किया है। 9 व्यवसाय सहायक संगठनों के रूप में शामिल हुए हैं।
- यह समझौता प्लास्टिक पैकेजिंग को कम करने, नवाचार करने के समयबद्ध लक्ष्यों को प्रदान करता है।
- इसका उद्देश्य अनावश्यक या समस्याग्रस्त प्लास्टिक पैकेजिंग और वस्तुओं की एक सूची को परिभाषित करना और 2030 तक रीडिज़ाइन और इनोवेशन की मदद से इन समस्याओं को दूर करने के उपाय करना है।
- इस समझौते के तहत, 100% प्लास्टिक पैकेजिंग को पुन: प्रयोज्य (reusable) या पुनर्चक्रण योग्य (recyclable) बनाया जाएगा, 50% प्लास्टिक पैकेजिंग को प्रभावी ढंग से रीसायकल किया जाएगा।
भारत में प्लास्टिक कचरा
भारत सालाना लगभग 9.46 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है। इसमें से 40% को एकत्रित नहीं किया जाता। भारत में, सभी प्लास्टिक उत्पादन का आधा हिस्सा पैकेजिंग में उपयोग किया जाता है और इसमें से अधिकांश सिंगल यूज़ प्लास्टिक है।
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