सरकार ने नागा विद्रोही समूह NSCN के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए
गृह मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार ने निक्की सुमी (Nikki Sumi) के नेतृत्व में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) खापलांग (K) के साथ संघर्ष विराम समझौता किया। इस शांति समझौते पर 8 सितंबर, 2021 को हस्ताक्षर किए गए थे और यह एक साल तक लागू रहेगा।
मुख्य बिंदु
- मंत्रालय के अनुसार, शांति समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, NSCN समूह के लगभग 200 कैडर 83 हथियारों के साथ शांति प्रक्रिया में शामिल हो गए हैं।
- इस समझौते पर गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्वोत्तर) पीयूष गोयल और NSCN (K) निकी के प्रतिनिधियों के साथ युद्धविराम पर्यवेक्षी बोर्ड के पर्यवेक्षक और एक CFSB सदस्य के बीच हस्ताक्षर किए गए।
पृष्ठभूमि
निक्की सूमी ने दिसंबर 2020 में सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने की इच्छा व्यक्त की थी। हालांकि, वह खराब स्वास्थ्य के कारण समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए उपस्थित नहीं हो सके।
शांति समझौते की आवश्यकता क्यों पड़ी?
गृह मंत्रालय के अनुसार, इस शांति प्रक्रिया पर प्रधानमंत्री मोदी के ‘उग्रवाद मुक्त और समृद्ध उत्तर पूर्व’ के सपने को पूरा करने के उद्देश्य से हस्ताक्षर किए गए थे। यह नागा शांति प्रक्रिया के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
सरकार और NSCN के अन्य गुटों के बीच समझौता
केंद्र सरकार ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड – NSCN (NK), NSCN (R), और NSCN (K) – खांगो के अन्य गुटों के साथ भी शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
नागा शांति समझौता (Naga Peace Accord)
3 अगस्त, 2015 को केंद्र सरकार और NSCN (IM) समूह के बीच नागा शांति समझौते के लिए रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस रूपरेखा समझौते से पहले, NSCN (K) ने मार्च 2015 में सरकार के साथ शांति समझौते को रद्द कर दिया था।
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