छत्तीसगढ़ ने लॉन्च किया ‘बाजरा मिशन’ (Millet Mission)

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य को भारत का बाजरा केंद्र बनाने के उद्देश्य से 14 सितंबर, 2021 को “बाजरा मिशन” (Millet Mission) लांच किया।

मुख्य बिंदु 

  • इस मिशन के लांच के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा कि छत्तीसगढ़ जल्द ही भारत का बाजरा हब बन जाएगा।
  • उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि, “लघु वनोपज की तरह, राज्य छोटी अनाज फसलों को अपनी ताकत बनाना चाहता है।
  • इस मिशन को लागू करने के लिए, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद और छत्तीसगढ़ के 14 जिलों के कलेक्टरों के बीच “बाजरा मिशन” के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

बाजरा मिशन का उद्देश्य

बाजरा मिशन पहल किसानों को छोटी अनाज फसलों के लिए सही मूल्य देने और उन्हें इनपुट सहायता, खरीद व्यवस्था और प्रसंस्करण प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह मिशन यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास करता है कि किसानों को विशेषज्ञों की विशेषज्ञता से लाभ मिले।

बाजरा मिशन के अंतर्गत आने वाले जिले

छत्तीसगढ़ राज्य के जिन जिलों को मिशन के तहत शामिल किया गया है उनमें शामिल हैं: बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, बलरामपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरिया और सूरजपुर।

समझौता ज्ञापन के बारे में

इस समझौता ज्ञापन के तहत, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Millet Research – IIMR), हैदराबाद कोडो, कुटकी और रागी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। यह तकनीकी जानकारी भी प्रदान करेगा और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। यह संस्थान छत्तीसगढ़ में बीज बैंक की स्थापना में भी मदद करेगा। इसके अलावा IIMR हैदराबाद द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर बाजरा उत्पादन के संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर विकसित वैज्ञानिक तकनीक का प्रसार करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की जाएगी।

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