कव्वाई द्वीप
केरल में बैकवाटर्स के बीच कव्वाई द्वीप सबसे आकर्षक स्थलों में से एक है। कव्वाई द्वीप के अपने अनूठे तत्व हैं जो साल भर पर्यटकों की भीड़ को आकर्षित करते हैं और केरल में तीसरा सबसे बड़ा बैकवाटर है।
कव्वाई द्वीप का स्थान
कव्वाई द्वीप केरल राज्य के कन्नूर जिले में पय्यन्नूर के पास स्थित है। यह एक छोटा सा द्वीप है जो एक छोटे से पुल द्वारा पय्यन्नूर से जुड़ा हुआ है।
कव्वाई द्वीप का इतिहास
कव्वायी 125 वर्ग मील (320 किलोमीटर) के क्षेत्र के लिए मुख्यालय हुआ करता था जिसमें एक बड़ा बंदरगाह और मजिस्ट्रेट कोर्ट था। काववई द्वीप का नाम ‘मार्को पोलो 1293ई’, ‘इब्न बतूता 1342ई’ और ‘अब्दुल फिदा 1273ई’ सहित सभी प्रमुख यात्रियों द्वारा उल्लेख किया गया है।
कव्वाई द्वीप के आकर्षण
कव्वाई द्वीप जमींदारों के इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। कडप्पुरम नामक छोटे द्वीपों से घिरा हुआ है। ये छोटे द्वीप सीधे अरब सागर में स्थित है। नाव की सवारी आगंतुकों को साधारण ग्रामीणों और उनके दैनिक कर्तव्यों को अच्छी तरह से देखने का मौका देती है। कव्वाई नदी की अपनी सहायक नदियाँ हैं, अर्थात् ‘कंकोल’, ‘वन्नाथिचल’, ‘कुप्पीथोडु’ और ‘कुनियान’। पारिस्थितिक दृष्टि से कव्वायी और उसके आसपास के क्षेत्र का बैकवाटर महत्वपूर्ण माना जाता है। कव्वाई द्वीप का बैकवाटर और आर्द्रभूमि विभिन्न प्रकार के जीवों और वनस्पतियों का घर है। कव्वाई द्वीप में बैकवाटर सेटिंग उत्तरी केरल की सबसे बड़ी आर्द्रभूमि है।