पेंडोरा पेपर लीक (Pandora Papers Leak) मामला क्या है?

 International Consortium of Investigative Journalism (ICIJ) में विदेश में छुपाये गये धन से संबंधित लाखों दस्तावेज़ लीक होने के बाद पेंडोरा पेपर्स सुर्खियों में आया है।

पेंडोरा पेपर्स (Pandora Papers)

विदेशी टैक्स हेवन में 14 कंपनियों के 11.9 मिलियन लीक हुए पेपर हैं, जिसमें 29,000 विदेशी कंपनियों और वियतनाम, बेलीज और सिंगापुर जैसे देशों के ट्रस्टों के स्वामित्व का विवरण शामिल है। ये दस्तावेज़ निजी विदेशी ट्रस्टों में संपत्ति के स्वामित्व को उजागर करते हैं और विदेशी संस्थाओं द्वारा नकद, शेयरहोल्डिंग और रियल एस्टेट संपत्तियों जैसे निवेशों को रखा जाता है। इस मामले में करीब 380 भारतीय लोगों के नाम शामिल हैं।

जांच

रिपोर्टर, प्रकाशन घरानों और इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म (ICIJ) के एक वैश्विक नेटवर्क ने 11.9 मिलियन लीक हुए दस्तावेजों की जांच के लिए दो साल तक कार्य किया। 150 मीडिया आउटलेट्स के लगभग 600 पत्रकार चल रही जांच का हिस्सा हैं। कागजों की जांच से पता चलता है कि कैसे लोगों ने संपत्ति योजना के लिए एक जटिल बहुस्तरीय ट्रस्ट संरचना स्थापित की है।

इसी तरह के अन्य लीक 

  • 2016 पनामा पेपर्स लीक : यह अब तक का सबसे महत्वपूर्ण लीक है। इसमें 2.6 टेराबाइट डेटा शामिल है जो एक कानूनी फर्म मोसैक फोन्सेका से लीक हुआ था।
  • पैराडाइज पेपर्स लीक : पैराडाइज पेपर्स ऑफशोर प्रोवाइडर एपलबी से लीक हुए थे। इसमें 1.4 टेराबाइट्स का लीक हुआ डेटा शामिल था।

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