भारत का प्लास्टिक कचरा रीसाइकिलिंग लक्ष्य : मुख्य बिंदु
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने “प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016” के तहत विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी (Extended Producer Responsibility – EPR) को विनियमित करने के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी की है।
मुख्य बिंदु
- इस मसौदे में प्रावधान है कि कचरे की मात्रा का प्रबंधन उत्पादकों, ब्रांड मालिकों और आयातकों को करना होगा, जो पूरे भारत में प्लास्टिक पैकेजिंग कचरा पैदा करते हैं।
- जब मसौदा अधिसूचना पारित हो जाएगी, यह तुरंत प्रभाव में आ जाएगी।
विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (Extended Producer Responsibility – EPR)
EPR का अर्थ है उत्पाद और प्लास्टिक पैकेजिंग के जीवन के अंत तक पर्यावरण के अनुकूल प्रबंधन के लिए निर्माता की जिम्मेदारी। लोग और हितधारक 60 दिनों के भीतर पर्यावरण मंत्रालय को मसौदे पर आपत्ति या सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं।
प्लास्टिक पैकेजिंग की तीन श्रेणियां
EPR में प्लास्टिक पैकेजिंग की निम्नलिखित श्रेणियां शामिल हैं:
- कठोर प्लास्टिक पैकेजिंग
- एकल परत या बहुपरत की लचीली प्लास्टिक पैकेजिंग
- प्लास्टिक शीट, कैरी बैग, प्लास्टिक पाउच
- बहुपरत प्लास्टिक पैकेजिंग।
मसौदे के अन्य प्रावधान
- इस ड्राफ्ट के मुताबिक 2021-22 में, प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे के उत्पादकों को मीट्रिक टन में ‘Q1’ कचरे का 35% प्रबंधन करना आवश्यक है।
- उत्पादकों का EPR लक्ष्य 2022-23 में बढ़कर 70% हो जाएगा, जबकि 2023-24 के बाद यह 100% होगा।
- इसी तरह के EPR लक्ष्य आयातकों और ब्रांड मालिकों के लिए लागू होंगे।
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