PMFBY: वर्किंग ग्रुप की स्थापना की गयी
केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2022 से एक संशोधित की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को शुरू करने के उद्देश्य से एक कार्य समूह का गठन किया है।
मुख्य बिंदु
- इस कार्य समूह का गठन केंद्र के अधिकारियों, सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और प्रमुख फसल उत्पादक राज्यों को मिलाकर किया गया है।
- यह कार्य समूह “सतत, वित्तीय और परिचालन मॉडल” का सुझाव देगा।
कार्य समूह का कार्य
सरकार पर सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए बीमाकर्ताओं की स्थायी क्षमता प्राप्त करने के साथ-साथ तर्कसंगत प्रीमियम मूल्य प्राप्त करने के लिए इस कार्य समूह से वैकल्पिक मॉडल की मांग को पूरा करने की उम्मीद है। यह अगले छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगा।
योजना के तहत प्रीमियम
इस योजना के तहत, किसानों को रबी फसलों के लिए बीमा राशि का 1.5% जबकि खरीफ फसलों के लिए 2% प्रीमियम तय करना आवश्यक है। PMFBY के तहत नकदी फसलों के लिए यह 5% है। शेष प्रीमियम को केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित किया जाता है।
राज्य की मांग
कुछ राज्यों ने प्रीमियम सब्सिडी के अपने हिस्से को 30% तक सीमित करने की मांग की है, जबकि कुछ राज्य केंद्र से पूरी सब्सिडी वहन करने की मांग कर रहे हैं।
कौन से राज्य इस योजना से बाहर हो गए हैं?
गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार अब तक इस योजना से बाहर हो चुके हैं। पंजाब ने फसल बीमा योजना लागू नहीं की। बिहार, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने अपनी-अपनी योजनाएं शुरू की हैं, जिसके तहत किसान कोई प्रीमियम नहीं देते हैं, हालांकि फसल खराब होने की स्थिति में उन्हें एक निश्चित मुआवजा राशि मिलती है।
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