चेन्नई-मैसूर-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस पहली IMS प्रमाणित ट्रेन बनीं
चेन्नई-मैसूर-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस को हाल ही में IMS प्रमाणन दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- यह ट्रेन दक्षिण रेलवे की पहली एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (Integrated Management Systems – IMS) प्रमाणित ट्रेन बन गई है।
- यह प्रमाणन प्राप्त करने वाली यह पहली शताब्दी ट्रेन के साथ-साथ भारतीय रेलवे की दूसरी मेल या एक्सप्रेस ट्रेन भी बन गई है।
- प्रमाणन एजेंसी द्वारा एक व्यापक लेखापरीक्षा और रेलवे द्वारा सभी मानदंडों का विधिवत सत्यापन करने के बाद प्रमाणन प्रदान किया गया था।
प्रमाणन का महत्व
पर्यावरण के अनुकूल संसाधनों के रखरखाव और बेहतर उपयोग के लिए IMS प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है।
IMS प्रमाणन क्या है?
एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (IMS) प्रमाणन एक समग्र दृष्टिकोण है, जो विभिन्न प्रबंधन प्रणाली मानकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संगठन के प्रदर्शन के कई पहलुओं को जोड़ता है। इनमें मानक शामिल हैं जैसे:
- गुणवत्ता प्रबंधन के लिए ISO 9001
- पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO 14001
- व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए ISO 45001
- सूचना सुरक्षा के लिए ISO 27001
- ऊर्जा प्रबंधन के लिए ISO 50001
IMS प्रमाणन का महत्व
IMS प्रमाणन सरलीकृत प्रक्रियाओं और दस्तावेज़ीकरण का उपयोग करके दक्षता बढ़ाता है। यह सिस्टम के प्रदर्शन में सुधार करता है और लागत को कम करता है।
प्रमाणीकरण का अर्थ
इसका मतलब है कि एक एकल और व्यापक लेखा परीक्षा में कई प्रबंधन प्रणाली मानकों के प्रमाणीकरण का मूल्यांकन किया जाता है। इस प्रमाणन के साथ, संगठन ऑडिट तैयार करने और अपने निष्कर्षों पर प्रतिक्रिया देने में कम समय व्यतीत करते हैं। इस प्रकार, समय और धन का समग्र निवेश कम हो जाता है।
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