G20 शिखर सम्मेलन में International Methane Emissions Observatory (IMEO) को लांच किया गया
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने G20 शिखर सम्मेलन में “International Methane Emissions Observatory (IMEO)” को लॉन्च किया है।
मुख्य बिंदु
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने पर कार्रवाई करने के लिए मीथेन ऑब्जर्वेटरी शुरू की गई है।
- इसे यूरोपीय संघ के समर्थन से लॉन्च किया गया है।
International Methane Emissions Observatory (IMEO)
- इसे इसलिए लॉन्च किया गया क्योंकि मीथेन जलवायु के लिए सबसे खतरनाक गैसों में से एक है।
- IMEO सैटेलाइट के जरिए मीथेन उत्सर्जन की निगरानी करेगा।
- यह ऑब्जर्वेटरी अनुभवजन्य रूप से सत्यापित मीथेन उत्सर्जन का एक वैश्विक सार्वजनिक डेटासेट तैयार करेगी।
- यह शुरू में जीवाश्म ईंधन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगी, क्योंकि यह मानवजनित उत्सर्जन के एक तिहाई के लिए जिम्मेदार है। इस क्षेत्र में कटौती की सबसे अधिक संभावना है।
IMEO कैसे मदद करेगा?
- IMEO चार धाराओं से डेटा को एकीकृत करेगा, अर्थात् :
- वैज्ञानिक अध्ययनों से प्रत्यक्ष माप डेटा
- रिमोट सेंसिंग डेटा
- राष्ट्रीय सूची
- तेल और गैस से रिपोर्टिंग
- यह लगभग 30 देशों की प्रतिबद्धताओं की निगरानी करेगा जो अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा ग्लोबल मीथेन प्लेज (Global Methane Pledge) पहल में शामिल हुए हैं। यह पहल 2030 तक मीथेन उत्सर्जन में 30% की कटौती करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
- यह मानव-जनित मीथेन उत्सर्जन की सटीकता और सार्वजनिक पारदर्शिता में सुधार करने में भी मदद करेगा।
मीथेन साझेदारी 2.0 (Methane Partnership 2.0)
मीथेन पार्टनरशिप 2.0 एक संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के नेतृत्व वाली जलवायु पहल है। इसमें 62 कंपनियां शामिल हैं, जो दुनिया के 30% तेल और गैस उत्पादन का प्रतिनिधित्व करती हैं।
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