मेवाड़ के सिक्के

राजस्थान में मेवाड़ में प्राचीन काल से ही सिक्के जारी किए जाते रहे हैं। मेवाड़ के शुरुआती शासकों ने शायद कुछ इंडो-शक और ‘गढ़िया’ प्रकार के सिक्के जारी किए थे। मेवाड़ के शासन के सिक्के पंद्रहवीं शताब्दी ईस्वी की शुरुआत के हैं। ये सिक्के तांबे के बने थे और इनमें से पहले राणा कुंभा द्वारा जारी किए गए थे। सिक्के चौकोर आकार के थे। ये सिक्के कई मूल्यवर्ग में जारी किए गए थे। इस काल में जारी कुछ बड़े सिक्कों में एक ओर नागरी में ‘श्री कुम्भलमेरु महाराणा श्री कुम्भकर्णास्य’ तथा सिक्के के दूसरी ओर ‘श्री एकलिंग प्रसाद’ तथा उसी लिपि में विक्रम युग की तिथि अंकित थी। इन सिक्कों के अलावा कुछ छोटे सिक्के भी जारी किए गए थे और इन छोटे पर एक तरफ ‘श्री कुंभलमेरु’ और दूसरी तरफ ‘राणा कुंभकर्ण’ या एक तरफ ‘कुंभकर्ण’ और सिक्के के दूसरी तरफ ‘एकलिंग’ थे। मालवा के संग्राम सिंह या राणा सांगा के सिक्कों ने मालवा के सुल्तानों की नकल की और एक तरफ फारसी में ‘सुल्तान बिन सुल्तान’ और दूसरी तरफ उनका नाम राणा संग्राम सिंह और नागरी में तारीख रखी। इस प्रकार के सिक्कों का अनुसरण बाद के शासकों ने किया।

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