रक्षा अधिग्रहण परिषद ने रूस के साथ AK-203 सौदे को मंजूरी दी
रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council – DAC) ने AK-203 राइफलों के बड़े पैमाने पर उत्पादन की अनुमति दी है। DAC ने भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए एक स्वतंत्र उपग्रह को भी मंजूरी दी है।
मुख्य बिंदु
- यह फैसला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत की यात्रा से पहले लिया गया है। उनका दौरा पांच दिसंबर से शुरू होगा।
- यह डील 2018 से रुकी हुई थी।
- DAC की बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
- इस बैठक के दौरान, मंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय वायुसेना के लिए 7.5 लाख AK-203 असॉल्ट राइफलों के निर्माण की अनुमति दी।
AK-203 असॉल्ट राइफलों का अनुबंध
- 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- इससे 10 साल की अवधि के लिए 6,014,427 AK-203 का निर्माण होगा।
अंतर-सरकारी समझौता (IGA)
IGA पर फरवरी 2019 में हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के तहत, पहले 70,000 राइफलों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के रूप में रूसी घटक शामिल होंगे।
कलाश्निकोव राइफल्स (Kalashnikov Rifles)
कलाश्निकोव राइफल्स या AK-203 का निर्माण अमेठी, उत्तर प्रदेश में किया जाएगा। इसका निर्माण भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। IRRPL को भारत के आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) और रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट एंड कंसर्न कलाश्निकोव के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में बनाया गया था। OFB की में 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि रूसी संस्थाओं के पास शेष 49.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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