‘शहीद’ (Martyrs) जैसा कोई आधिकारिक नामकरण (nomenclature) नहीं है : गृह मंत्रालय
8 दिसंबर, 2021 को गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में जानकारी दी कि शहीद (Martyrs) जैसा कोई आधिकारिक नामकरण (nomenclature) नहीं है।
मुख्य बिंदु
- गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ‘शहीद की स्थिति के बारे में सरकार की कोई योजना है’ के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि ऐसा कोई आधिकारिक नामकरण नहीं है।
- हालांकि, गृह मंत्रालय ने कार्रवाई में मारे गए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और असम राइफल्स के जवानों के परिजन को ऑपरेशनल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट जारी करने के निर्देश जारी किए।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs)
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) भारत में सात सुरक्षा बलों को संदर्भित करता है। यह गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। इसके तहत सात सुरक्षा बल हैं:
- असम राइफल्स (AR)
- सीमा सुरक्षा बल (BSF)
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
- भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)
- सशस्त्र सीमा बल (SSB)
असम राइफल्स (Assam Rifles)
असम राइफल्स की स्थापना वर्ष 1835 में ‘कछार लेवी’ नामक मिलिशिया के रूप में की गई थी। यह आदिवासी छापे के खिलाफ ब्रिटिश चाय सम्पदा और उनकी बस्तियों की रक्षा के लिए स्थापित किया गया था। असम राइफल्स ने इस क्षेत्र को वाणिज्य और प्रशासन के लिए खोलने में योगदान दिया। समय के साथ, उन्हें “नागरिक का दाहिना हाथ और सेना का बायां हाथ” कहा जाने लगा।
दोहरी नियंत्रण संरचना (Dual Control Structure)
असम राइफल्स एकमात्र अर्धसैनिक बल है, जिसके पास दोहरी नियंत्रण संरचना है। इस बल का प्रशासनिक नियंत्रण गृह मंत्रालय के पास है जबकि इसका संचालन नियंत्रण भारतीय सेना के पास है, जो रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इस प्रकार, बल के लिए वेतन और बुनियादी ढांचा गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है। जबकि कर्मियों की तैनाती, पोस्टिंग, स्थानांतरण और प्रतिनियुक्ति भारतीय सेना द्वारा तय की जाती है।
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