रूस ने सुरक्षा उपायों पर नाटो (NATO) के साथ मसौदा समझौता लांच किया
रूस ने दोनों पक्षों के लिए सुरक्षा उपायों पर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organisation – NATO) को प्रस्तावित एक मसौदा समझौता पेश किया।
मुख्य बिंदु
- इस दस्तावेज़ में कहा गया है कि, रूस और नाटो दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर गठबंधन और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सैन्य गठबंधनों के ढांचे सहित व्यक्तिगत रूप से अपनी सुरक्षा को मजबूत नहीं करेंगे।
- दोनों पक्ष विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए। उन्हें खतरनाक स्थितियों से बचने के लिए सैन्य योजना बनाने और अभ्यास करने में संयम बरतना चाहिए।
- रूस और नाटो के सदस्य देशों को यूरोप के किसी भी अन्य देश के क्षेत्र में सैन्य बलों और हथियारों को तैनात करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organisation – NATO)
नाटो 1 यूरेशियन देश, 2 उत्तरी अमेरिकी देशों और 28 यूरोपीय देशों का एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है। यह 4 अप्रैल, 1949 को हस्ताक्षरित उत्तरी अटलांटिक संधि को लागू करता है। नाटो में सामूहिक सुरक्षा की एक प्रणाली शामिल है, जिसमें इसके स्वतंत्र सदस्य राज्य किसी भी बाहरी पार्टी द्वारा हमले के खिलाफ आपसी रक्षा के लिए सहमत होते हैं। नाटो का मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है।
रूस-नाटो संबंध
रूस और नाटो सैन्य गठबंधन के बीच संबंध 1991 में उत्तरी अटलांटिक सहयोग परिषद (North Atlantic Cooperation Council) के ढांचे के भीतर स्थापित किए गए थे। वे 1994 में शांति कार्यक्रम के लिए भागीदारी में शामिल हुए। तब से, दोनों पक्षों ने सहयोग पर कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
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