भारत ने ‘प्रलय’ मिसाइल (Pralay Missile) का परीक्षण किया
22 दिसंबर, 2021 को कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली प्रलय मिसाइल (Pralay Missile) की पहली सफल परीक्षण उड़ान का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल का ओडिशा के तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से उड़ान परीक्षण किया गया था।
- इस मिसाइल ने उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य को नष्ट किया।
प्रलय (Pralay)
‘प्रलय’ सतह से सतह पर मार करने वाली, कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है। यह मिसाइल एक्सोएटमॉस्फेरिक इंटरसेप्टर मिसाइल पृथ्वी डिफेंस व्हीकल (PDV) और प्रहार टैक्टिकल मिसाइल के लिए विकसित प्रौद्योगिकियों का समामेलन है। मार्च 2015 में 332.88 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘प्रलय’ को विकसित करने की परियोजना को मंजूरी दी गई थी।
प्रलय की विशेषताएं
- प्रलय लगभग 10 मीटर या उससे कम की सटीकता के साथ 150 से 500 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को नष्ट कर सकती है।
- इसे मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है।
- इसमें एक मार्गदर्शन प्रणाली है, जिसमें एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं।
- यह एक ठोस ईंधन मिसाइल है।
- यह मिसाइल एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल (ABM) इंटरसेप्टर को हराने के लिए maneuverable reentry vehicle (MaRV) का उपयोग करने में सक्षम है।
- यह 350 किलोग्राम से 700 किलोग्राम का वारहेड ले जा सकती है।
पृष्ठभूमि
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 2015 के आसपास इस परियोजना को विकसित करना शुरू किया। इस मिसाइल को बाद में प्रलय नाम दिया गया।
बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile)
बैलिस्टिक मिसाइल एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर एक या अधिक आयुध (warheads) पहुंचाने के लिए बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र (ballistic trajectory) का अनुसरण करती है। बैलिस्टिक हथियारों को केवल अपेक्षाकृत संक्षिप्त अवधि के दौरान निर्देशित किया जाता है। कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें पृथ्वी के वायुमंडल में रहती हैं। दूसरी ओर, अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) एक उप-कक्षीय प्रक्षेपवक्र पर लॉन्च की जाती हैं।
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