जनवरी से 15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीका लगाया जायेगा : पीएम मोदी
25 दिसम्बर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की कि 3 जनवरी से देश में 15 से 18 साल के बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जायेगा।
मुख्य बिंदु
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा भी की कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एक ‘बूस्टर डोज़’ भी लगाई जाएगी, यह कार्य 10 जनवरी से शुरू होगा। इसके साथ-साथ 60 वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों को डॉक्टर की सलाह पर तीसरा टीका लगाया जायेगा जो किसी बीमारी से पीड़ित हैं। ओमिक्रोन के खतरे को ध्यान में रखते हुए यह घोषणाएं की गई हैं।
भारत में इस्तेमाल किये जाने वाले टीके
COVAXIN
COVAXIN भारत बायोटेक द्वारा निर्मित एक सरकारी समर्थित टीका है। इसकी प्रभावकारिता दर 81% है। COVAXIN वैक्सीन के चरण तीन परीक्षणों में 27,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया है। COVAXIN दो खुराक में दिया जाता है। खुराक के बीच का समय अंतराल चार सप्ताह है। COVAXIN को मृत COVID-19 वायरस से तैयार किया गया था।
COVISHIELD
COVISHIELD वैक्सीन एस्ट्राज़ेनेका द्वारा निर्मित है। स्थानीय रूप से, COVISHIELD सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया द्वारा निर्मित किया जा रहा है। यह चिम्पांजी के एडेनोवायरस नामक एक सामान्य कोल्ड वायरस के कमजोर संस्करण से तैयार किया गया था। COVID-19 वायरस की तरह दिखने के लिए वायरस को संशोधित किया गया है। यह दो खुराक में लगाया जाता है।
स्पुतनिक वी (Sputnik V)
इसे मॉस्को में गैम्लेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी (Gamleya Research Institute of Epidemiology and Microbiology) द्वारा विकसित किया गया था।
यह दो खुराक वाला टीका है। हालांकि, हाल ही में रूस में स्पुतनिक वी के एकल खुराक टीके का उत्पादन किया गया है। इसे स्पुतनिक लाइट सिंगल डोज कहा जाता है। भारत केवल डबल खुराक स्पुतनिक वी का इस्तेमाल कर रहा है।
जबकि COVISHIELD एक कमजोर सामान्य एडेनोवायरस से बनाया गया है जो चिंपैंजी को प्रभावित करता है, स्पुतनिक वी को विभिन्न मानव एडेनोवायरस का उपयोग करके बनाया गया है।
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