ओरछा के महल
ओरछा बेतवा नदी के तट पर बसा एक छोटा और दिलचस्प शहर है। यह शहर कई मंदिरों और महलों से सुसज्जित है जो 16वीं और 17वीं शताब्दी के हैं। ओरछा में बुंदेला स्मारक इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का सबसे अच्छा उदाहरण हैं। ओरछा में राज महल इस क्षेत्र का सबसे अधिक देखा जाने वाला स्मारक है। राज महल का निर्माण 16वीं शताब्दी में रुद्र प्रताप सिंह ने करवाया था जो उस समय के राजपूत शासक थे। राज महल में भव्य शाही आवास हैं। महल की पूरी संरचना में कई मीनारें और गुंबददार मंडप हैं। महल के आंतरिक भाग को खंडित दर्पणों और चित्रों से अच्छी तरह से सजाया गया है। ओरछा का राज महल शीश महल की ओर है जो अद्भुत वास्तुकला का एक और नमूना है।
रामजी मंदिर बुंदेला राजपूत वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह चंदेरी के कोषक महल पर आधारित है। इसमें एक केंद्रीय आयताकार आंगन है। राज महल 1554 और 1591 के बीच मदकुकर शाह द्वारा बनाया गया था। जहाँगीर महल राजा बीर सिंह देव ने बनवाया था।
जहांगीर महल असामान्य शक्ति और जटिल परिष्कार की एक स्थापत्य अवधारणा है, जिसे बुंदेला राजपूतों की राजवंशीय शक्ति की ऊंचाई पर बनाया गया है। यह भारत में मध्यकालीन किलेबंदी के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है। ओरछा के स्मारक असामान्य स्थापत्य शक्ति से मिलते जुलते हैं और इसलिए बड़ी संख्या में पर्यटकों को इसकी ओर आकर्षित करते हैं।