चंद्रमा पर पानी का पहला ऑन-साइट सबूत खोजा गया
चीन के चांग’ए 5 लूनर लैंडर को चांद की सतह पर पानी के पहली बार ऑन-साइट सबूत मिले हैं।
मुख्य बिंदु
- यह अध्ययन 8 जनवरी, 2022 को ‘Science Advances’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
- इससे पता चला कि लैंडिंग साइट पर चंद्रमा मिट्टी में 120 ग्राम से कम पानी प्रति टन या 120 भाग-प्रति मिलियन (ppm) पानी होता है।
- इससे आगे पता चलता है कि, एक हल्की, वेसिकुलर चट्टान में 180 ppm पानी होता है।
पानी की पुष्टि
चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि पहले रिमोट ऑब्जर्वेशन से की गई थी। हालांकि, लैंडर ने चट्टानों और मिट्टी में पानी के लक्षण पाए हैं।
पानी का पता कैसे चला?
- लूनर लैंडर में एक उपकरण से पहली बार मौके पर ही पानी का पता चला। इस डिवाइस ने चट्टान और रेजोलिथ के वर्णक्रमीय परावर्तन (spectral reflectance) को मापा।
- रेजोलिथ और चट्टान में पानी की मात्रा का अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि पानी के अणु या हाइड्रॉक्सिल लगभग तीन माइक्रोमीटर की आवृत्ति पर अवशोषित होते हैं।
चांग’ए-5 अंतरिक्ष यान
यह चीनी चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम का पांचवां चंद्र अन्वेषण मिशन है। यह चीन का पहला चंद्र नमूना-वापसी मिशन भी है। इसका नाम चीनी चंद्रमा देवी चांग’ए (Chang’e) के नाम पर रखा गया है। यह अंतरिक्ष यान 23 नवंबर, 2020 को हैनान द्वीप से लॉन्च किया गया था और यह 1 दिसंबर, 2020 को चंद्रमा पर उतरा। इसने लगभग 1,731 ग्राम चंद्र नमूने एकत्र किए और 16 दिसंबर, 2020 को पृथ्वी पर लौट आया।
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1600 साल पहले वराहमिहिर ने चन्द्र पर प्रचुर मात्रा में जल है बता दिया था