पेरू ने तेल रिसाव के कारण पर्यावरण आपातकाल (Environmental Emergency) की घोषणा की

पेरू एक दक्षिण अमेरिकी देश है। पेरू सरकार ने हाल ही में तेल रिसाव के कारण पर्यावरण आपातकाल की घोषणा की। यह आपातकाल 90 दिनों तक चलेगा।

मुख्य बिंदु

प्रशांत महासागर में करीब 6000 बैरल तेल गिरा है। स्पेन की एनर्जी फर्म रेप्सोल (Repsol) का एक टैंकर पेरू में वेंटिनाला रिफाइनरी में तेल ले जा रहा था। इस टैंकर का नाम “मारे डोरिकम” है। यह एक इतालवी टैंकर है। तेल रिसाव समुद्र के भीतर ज्वालामुखी टोंगा के विस्फोट के कारण हुआ। नासा के अनुसार, टोंगा ज्वालामुखी विस्फोट परमाणु बम से भी ज्यादा शक्तिशाली है। विस्फोट से आई सुनामी लहरें तेल रिसाव का कारण बनीं।

नुकसान

  • इस तेल रिसाव ने बड़ी संख्या में समुद्री वन्यजीवों की जान ले ली है। इसने स्थानीय मछुआरों पर भारी प्रभाव डाला है। साथ ही इसका असर पर्यटन क्षेत्र पर भी काफी हद तक पड़ रहा है।
  • तेल रिसाव से लगभग 2,384 घन मीटर रेत प्रभावित हुई है।
  • इसके कारण कुल आर्थिक नुकसान 50 मिलियन डालर से अधिक होने का अनुमान है।
  • इससे करीब 713 हेक्टेयर समुद्र प्रभावित हुआ है।

जैव विविधता पर प्रभाव

  • तेल रिसाव ने हम्बोल्ट पेंगुइन (Humboldt penguins) के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। इन पेंगुइनों को IUCN द्वारा “कमजोर” (vulnerable) प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • इस क्षेत्र की मछलियों में तेल की गंध आ रही है। इस मछलियों को खाने वाले क्रस्टेशियंस (crustaceans) बुरी तरह प्रभावित होते हैं।

हम्बोल्ट पेंगुइन (Humboldt Penguins)

वे पेरू और चिली के तटों में पाए जाते हैं। उनका नाम हम्बोल्ट करंट के नाम पर रखा गया है। CITES ने परिशिष्ट I के तहत हम्बोल्ट पेंगुइन को सूचीबद्ध किया है। परिशिष्ट I में विलुप्त प्रजातियों की सूची है।

हम्बोल्ट एक ठंडी धारा है। यह कम लवणता वाली धारा है। यह पेरू और चिली के तट के साथ उत्तर की ओर बहती है। वर्तमान के कारण इस क्षेत्र में समुद्र का पानी प्लवकों (planktons) से भरा हुआ है।

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