28 जनवरी : डेटा गोपनीयता दिवस (Data Privacy Day)

गोपनीयता पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 28 जनवरी को डेटा गोपनीयता दिवस (Data Privacy Day) मनाया जाता है। इस दिन का पालन “गोपनीयता का सम्मान करने, विश्वास को सक्षम करने और डेटा की सुरक्षा के महत्व पर जागरूकता पैदा करने का एक अंतर्राष्ट्रीय प्रयास” है।

मुख्य बिंदु 

  • गोपनीयता सभी व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक साधन है।
  • यह डिजिटल रूप से जुड़ी दुनिया में चर्चा का एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है, विशेष रूप से कोविड -19 महामारी के समय क्योंकि अधिक लोग वर्चुअल दुनिया में समय बिताने के लिए मजबूर हैं।
  • किसी की गोपनीयता की रक्षा करने में विफलता के परिणामस्वरूप शोषण के साथ-साथ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के खिलाफ अपराध भी हो सकते हैं।

लोग डेटा को लेकर अधिक चिंतित क्यों हैं?

व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे इंस्टेंट मैसेजिंग मोबाइल एप्लिकेशन के प्रसार के साथ, लोग अपने डेटा की सुरक्षा के बारे में अधिक चिंतित हैं।

एप्लीकेशन्स द्वारा शुरू की गई सुरक्षा सुविधाएँ

डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए, कंपनियों ने मोबाइल एप्लिकेशन पर “एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन” जैसी कई सुरक्षा सुविधाएँ शुरू की हैं। यह सुविधा सुनिश्चित करती है कि सूचनाओं का आदान-प्रदान किसी को भी दिखाई न दे और यह बातचीत में शामिल दो लोगों तक ही सीमित रहे। व्हाट्सएप और टेलीग्राम यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं।

कंपनियों पर सरकार का दबाव

विभिन्न सरकारें इन कंपनियों पर इन वार्तालापों तक पहुँचने की अनुमति देने के लिए दबाव डाल रही हैं। वे चाहती हैं कि तकनीकी कंपनियां एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए कानून प्रवर्तन के लिए “बैक डोर” बनाएं। सरकार के अनुसार, यह नागरिकों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाएगा क्योंकि वायरल गलत सूचना के प्रसार को रोककर सरकार गलत सूचना प्रसारित करने वालों पर शिकंजा कसेगी।

WhatsApp जैसे एप्लिकेशन पर उपलब्ध सुरक्षा उपाय

  1. टू-स्टेप वेरिफिकेशन: यह उनके एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग अकाउंट को सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है।
  2. टच आईडी या फेस आईडी लॉक: यह सुविधा एप्पल, सैमसंग, गूगल आदि द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के फोन में उपलब्ध है। कुछ फोन स्क्रीन फिंगरप्रिंट सेंसर के तहत भी पेश करते हैं, जो उंगलियों की छवि बनाने के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग करते हैं।
  3. फॉरवर्ड लिमिट:  व्हाट्सएप जैसे एप्लीकेशंस ने एक बार में पांच चैट पर मैसेज फॉरवर्ड करने की लिमिट तय कर दी है। इस प्रकार, यह सूचनाओं के आदान-प्रदान को प्रतिबंधित करता है और गलत सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाता है।
  4. वायरल संदेशों के लिए अतिरिक्त सीमाएं: व्हाट्सएप ने संदेशों पर अतिरिक्त सीमाएं निर्धारित की हैं, जिन्हें कई बार भेजा गया है। ऐसे संदेशों को “कई बार अग्रेषित” (Forwarded many times) के रूप में लेबल किया जाता है
  5. गायब होने वाले मैसेज: इस फीचर को व्हाट्सएप पर लॉन्च किया गया है। एक बार यह सुविधा सक्षम हो जाने पर, व्यक्तिगत या समूह चैट में भेजे गए नए संदेश सात दिनों के बाद गायब हो जाएंगे। व्हाट्सएप ने ‘व्यू वन्स’ फीचर भी लॉन्च किया है। यह फ़ोटो और वीडियो को खोले जाने के बाद गायब कर देता है।

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