नासा ने मंगल ग्रह पर प्राचीन काल में पानी की उपस्थिति की खोज की
मार्स रेकांसेंस ऑर्बिटर (Mars Reconnaissance Orbiter) ने खोज की है कि मंगल पर दो अरब साल पहले पानी था। लेकिन आज ग्रह का सारा पानी वाष्पित हो चुका है। इसकी पुष्टि MRO ने ग्रह की सतह पर जमा नमक की मदद से की।
मुख्य बिंदु
- MRO ने पाया कि कुछ समय तक मंगल ग्रह पर पानी बहता है।
- नासा के ओडिसी ने सोडियम क्लोराइड के निशान पाए जो के सैकड़ों वर्ग किलोमीटर तक फैले हुए थे। यह 2001 में खोजा गया था। बाद में 2008 में नमक खनिज पाए गए।
MRO ने पानी की खोज कैसे की?
- MRO ने ग्रह के दक्षिणी गोलार्ध में लवणों का मानचित्रण करने के लिए CRISM का उपयोग किया। CRISM का अर्थ Compact Reconnaissance Imaging Spectrometer है। मंगल ग्रह में कई क्रेटर हैं।
- MRO ने ज्वालामुखीय मैदानों के उथले अवसादों के साथ नमक के भंडार की खोज की। ये भंडार तीन मीटर से भी कम गहरे थे। इनका गठन लगभग 2.3 अरब साल पहले हुआ था।
निष्कर्ष
इस खोज का निकटतम एनालॉग अंटार्कटिका है। जब अंटार्कटिका में बर्फ पिघलती है तो झीलें बनती हैं। इसी तरह जब मंगल के क्रेटर में पानी वाष्पित हो गया, तो नमक पीछे रह गया।
मार्स टोही ऑर्बिटर (Mars Reconnaissance Orbiter)
- मंगल ग्रह की जलवायु और भूविज्ञान का अध्ययन करने के लिए इस ऑर्बिटर को लॉन्च किया गया था।
- 2019 में, MRO ने मंगल पर सबसे बड़े जलाशयों की खोज की। यह खोज SHARAD (Shallow Radar) द्वारा की गई थी।
- MRO के 6 प्रमुख उपकरण इस प्रकार हैं:
- HiRISE : High Resolution Imaging Science Experiment: यह एक कैमरा है। इसका उपयोग क्रेटर, घाटी और स्तरित निक्षेपों का निरीक्षण करने के लिए किया जाता है।
- CTX: Context Camera: यह वाइड एंगल व्यू प्रदान करता है।
- MARCI: Mars Color Imager: यह बादलों और धूल भरी आंधी पर नज़र रखता है। =
- MCS: Mars climate Sounder: यह जल वाष्प सांद्रता, धूल और तापमान भिन्नता का पता लगाता है।
- SHARAD: Shallow Radar
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