भारत ने INS विक्रांत के लिए राफेल का परीक्षण किया

राफेल लड़ाकू विमान के समुद्री संस्करण का हाल ही में INS विक्रांत पर परीक्षण किया गया। विमानवाहक पोत से किया गया परीक्षण सफल रहा।

परीक्षण के बारे में

विमानवाहक पोत से राफेल जेट के टेक-ऑफ की जांच के लिए परीक्षण किया गया था। यह परीक्षण सफल रहा। INS विक्रांत विमानवाहक पोत कैटापल्ट लांच का उपयोग करता है। और इस विमान ने लॉन्च में अच्छा प्रदर्शन किया।

कैटापल्ट लांच (catapult launch) क्या है?

कैटापल्ट (गुलेल) एक उपकरण है जो विमान को एक छोटी सी जगह से उड़ान भरने में सक्षम बनाता है। यह एक तरह का असिस्टेड टेक ऑफ है।

कैटापल्ट लॉन्च कैसे काम करता है?

कैटापल्ट केवल 2 से 3 सेकंड में विमान को 0 से 165 समुद्री मील तक की गति दे देता है। इस प्रणाली में संचायकों में उच्च दाब की भाप एकत्रित की जाती है। यह भाप परमाणु रिएक्टरों से प्राप्त की जाती है। वांछित भाप के दबाव तक पहुँचने के बाद, संचायकों के वाल्व बंद कर दिए जाते हैं और कैटापल्ट काम करने के लिए तैयार हो जाती है।

STOBAR क्या है?

कैटापल्ट लॉन्च के अलावा, STOBAR (Short Take-off But Arrested Recovery) एक प्रसिद्ध प्रक्षेपण प्रणाली है। यह मुख्य रूप से रूस और चीन में उपयोग किया जाता है। चूंकि भारत पहले अपनी रक्षा प्रणालियों के लिए रूस पर अत्यधिक निर्भर है, इसलिए भारत में भी STOBAR आम हैं। इसमें एक लम्बा सा रैंप होता है जहाँ से विमान उड़ान भरता है।

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