नासा का ATLAS क्षुद्रग्रह ट्रैकिंग सिस्टम 24 घंटे पूरे अन्तरिक्ष को स्कैन करने में सक्षम बना

नासा द्वारा वित्त पोषित Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System (ATLAS) पहला सर्वेक्षण बन गया है जो हर 24 घंटे में पृथ्वी के निकट की वस्तुओं (Near-Earth Objects – NEOs) के लिए पूरे अंधेरे आकाश की खोज करने में सक्षम है।

मुख्य बिंदु 

  • एटलस एक अत्याधुनिक क्षुद्रग्रह पहचान प्रणाली (asteroid detection system) है। यह नासा के Planetary Defense Coordination Office (PDCO) के लिए हवाई विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान संस्थान द्वारा संचालित है।
  • एटलस ने चिली और दक्षिण अफ्रीका में दो अतिरिक्त वेधशालाओं को शामिल करके दक्षिणी गोलार्ध तक अपनी पहुंच का विस्तार किया है। अब इसमें चार टेलिस्कोप शामिल हैं।
  • इसके पास दो मौजूदा उत्तरी-गोलार्ध दूरबीन हैं जो हवाई में हलीकला और मौनालोआ पर हैं।
  • एटलस अब हर 24 घंटे में पूरे अंधेरे आकाश की खोज करने में सक्षम है। इस प्रकार, NEO को खोजने, ट्रैक करने और निगरानी करने के नासा के निरंतर प्रयास के लिए यह एक महत्वपूर्ण संपत्ति बन गई है।

एटलस का विकास किसने किया?

UH IFA द्वारा पहले दो एटलस टेलिस्कोप को हवाई में विकसित किया गया था। इसे नासा के नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम से 2013 के अनुदान के तहत विकसित किया गया था। अब ये टेलिस्कोप नासा के PDCO का हिस्सा हैं।

नासा का Double Asteroid Redirection Test (DART)

संभावित क्षुद्रग्रह प्रभावों के खिलाफ पृथ्वी की रक्षा के लिए एक तकनीक का परीक्षण करने के लिए यह दुनिया का पहला पूर्ण पैमाने वाला मिशन है। इसे 24 नवंबर, 2021 को कैलिफोर्निया के स्पेस फोर्स बेस से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था। क्षुद्रग्रह की गति को थोड़ा बदलने के लिए, एक ज्ञात क्षुद्रग्रह को विक्षेपित करने के लिए DART को लॉन्च किया गया था।

ग्रह रक्षा समन्वय कार्यालय (Planetary Defense Coordination Office – PDCO)

PDCO एक ग्रह रक्षा संगठन है। इसकी स्थापना जनवरी 2016 में नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय के ग्रह विज्ञान विभाग के अंतर्गत की गई थी।

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