इंदौर में किया जायेगा एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट का उद्घाटन

19 फरवरी, 2022 को इंदौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी संयंत्र का वर्चुअली उद्घाटन किया जाएगा।

मुख्य बिंदु 

  • इंदौर को भारत के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक माना जाता है।
  • बायो-सीएनजी प्लांट के उद्घाटन के साथ यह स्वच्छता में एक और उच्च मानक स्थापित करेगा।

बायो-सीएनजी प्लांट कैसे संचालित होगा?

बायो-सीएनजी प्लांट को शत-प्रतिशत गीले कचरे से संचालित किया जाएगा। इससे प्रतिदिन 18,000 किलोग्राम गैस का उत्पादन होने का अनुमान है। इंदौर नगर निगम के अनुमान के मुताबिक इस बायो-सीएनजी से शहर में रोजाना करीब 400 बसें चलाने में मदद मिलेगी।

संयंत्र की क्षमता

इस बायो-सीएनजी संयंत्र की कुल क्षमता 550 मीट्रिक टन है। यह 96 प्रतिशत शुद्ध मीथेन गैस के साथ सीएनजी का उत्पादन करेगा।

पीपीपी मॉडल

यह ‘लाइटहाउस प्लांट’ इंदौर नगर निगम (IMC) और इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (IEISL) द्वारा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत स्थापित किया गया है। इससे इंदौर नगर निगम को सालाना 2.5 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।

प्लांट  का महत्व

यह संयंत्र कैलोरी मान में सुधार करेगा और साथ ही बायो-सीएनजी की प्रभावशीलता को बढ़ाएगा। यह घनी आबादी वाले शहरों की वायु गुणवत्ता को शुद्ध करने में मदद करेगा। यह सालाना 1,30,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में मदद करेगा।

संयंत्र का स्थान

बायो-सीएनजी प्लांट इंदौर के देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउंड में स्थित है।

इंदौर: भारत का सबसे स्वच्छ शहर

इंदौर पिछले कुछ वर्षों में भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा है। यह स्रोत पर ठोस कचरे का शत-प्रतिशत पृथक्करण सुनिश्चित करता है। इससे गीले कचरे में 1 प्रतिशत से भी कम अशुद्धियाँ होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इंदौर में गीले कचरे की गुणवत्ता दुनिया भर में सबसे अच्छी गुणवत्ता में से एक है।

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