एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर राष्ट्रीय रणनीति (National Strategy on Additive Manufacturing) की घोषणा की गई
हाल ही में डिजिटल विनिर्माण की अगली पीढ़ी के लिए एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर राष्ट्रीय रणनीति (National Strategy on Additive Manufacturing) की घोषणा की गई।
मुख्य बिंदु
- इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 3 साल के भीतर ग्लोबल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाकर 5% करना चाहता है। उस समय तक 1 बिलियन अमरीकी डालर के सकल घरेलू उत्पाद को जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।
- एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के लिए राष्ट्रीय रणनीति के अनुसार, भारत 2025 तक कुछ लक्ष्यों तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसमें मशीनों, सामग्रियों और सॉफ्टवेयर के लिए 50 भारत-विशिष्ट प्रौद्योगिकी, 100 नई एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग फर्म स्टार्ट-अप और 500 नए उत्पाद शामिल हैं।
- इन स्टार्ट-अप और नए अवसरों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तीन साल की अवधि में कम से कम 1,00,000 नए कुशल श्रमिकों को रोजगार प्रदान करना चाहता है।
एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग क्या है?
3D प्रिंटिंग, जिसे एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (additive manufacturing) के रूप में भी जाना जाता है, उत्पादों के प्रोटोटाइप या मॉडल बनाने की एक विधि है जो रेजिन, प्लास्टिक, धातु, थर्मोप्लास्टिक, सिरेमिक या फाइबर जैसी सामग्रियों की परतों को बिछाकर चीज़ों का निर्माण करती है। प्रिंट किया जाने वाला मॉडल कंप्यूटर द्वारा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके बनाया जाता है, बाद में 3D प्रिंटर को निर्देश भेजा जाता है।
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