हिंदी करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी : 26 फरवरी, 2022
1. इसरो के किस अंतरिक्ष मिशन/उपग्रह ने पहली बार ‘सोलर प्रोटॉन इवेंट्स’ का पता लगाया है?
उत्तर – चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने अपने लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (CLASS) के माध्यम से सौर प्रोटॉन घटनाओं का पता लगाया है। कहा जाता है कि प्रोटॉन इवेंट्स अंतरिक्ष में मनुष्यों के लिए विकिरण जोखिम को बढ़ाते हैं।
2. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) ने ‘Sustainable Cities India Program’ पर सहयोग करने के लिए किस संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए?
उत्तर – विश्व आर्थिक मंच
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) ने ‘Sustainable Cities India Program’ पर सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह एक संयुक्त रूप से डिजाइन की गई परियोजना है, जिसका उद्देश्य शहरों के लिए ऊर्जा व परिवहन क्षेत्रों में डीकार्बोनाइजेशन समाधान उत्पन्न करने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है।
3. किस देश के रोवर ने चंद्रमा के दूसरी तरफ दो कांच के गोले (glass spheres) देखे हैं?
उत्तर – चीन
चीन के युटु-2 रोवर ने हाल ही में चंद्रमा के दूर की ओर कांच के दो अजीबोगरीब गोले देखे हैं। चंद्र सतह पर पाए जाने वाले यह ‘गोले’ अपनी तरह के पहले हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, वे हाल ही में बने हैं। यूटू-2 रोवर और नासा के अपोलो 16 मिशन दोनों द्वारा हालांकि कांच को पहले भी चांद पर देखा जा चुका है, लेकिन कांच के गोले का यह पहला नजारा है।
4. सीनियर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप-2022 का मेजबान कौन सा शहर है?
उत्तर – कानपुर
अखिल भारतीय शतरंज महासंघ द्वारा कानपुर में 58वीं सीनियर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप-2022 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 184 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिसमें 23 ग्रैंडमास्टर और 30 अंतरराष्ट्रीय मास्टर शामिल हैं। 7वीं राष्ट्रीय महिला शतरंज चैंपियनशिप-2022 भुवनेश्वर में आयोजित की गई।
5. ‘Devayatanam – An odyssey of Indian temple architecture’ सम्मेलन का आयोजन स्थल कौन सा है?
उत्तर – हम्पी
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) कर्नाटक के हम्पी में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘Devayatanam – An odyssey of Indian temple architecture’ का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य मंदिर के दार्शनिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी, वैज्ञानिक, कला और स्थापत्य पहलुओं को उजागर करना है। इसका उद्देश्य मंदिर वास्तुकला की विभिन्न शैलियों के विकास पर विचार-विमर्श करना भी है।
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