हंसा-एनजी (HANSA-NG) : भारत का पहला स्वदेशी प्रशिक्षण विमान
HANSA-New Generation (HANSA-NG) भारत का पहला स्वदेशी प्रशिक्षण विमान है।
हंसा-एनजी (HANSA-NG)
- हंसा-एनजी को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (CSIR-NAL) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। यह दो सीटों वाला विमान है और HANSA का एक नया संस्करण है, जिसे 30 साल पहले विकसित किया गया था।
- हंसा-एनजी एक उन्नत प्रशिक्षण विमान है। यह रोटैक्स डिजिटल कंट्रोल इंजन द्वारा संचालित है। इसमें अन्य विशेष विशेषताएं हैं जैसे कम्पोजिट लाइटवेट एयरफ्रेम, ग्लास कॉकपिट, विस्तृत पैनोरमिक दृश्य के साथ बबल कैनोपी, विद्युत रूप से संचालित फ्लैप आदि।
- इसके फायदों में कम लागत और ईंधन की कम खपत शामिल है। इस प्रकार यह वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसिंग (CPL) उद्देश्यों के लिए सबसे उपयुक्त है और भारतीय फ्लाइंग क्लबों की जरूरतों को पूरा करता है।
राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (National Aerospace Laboratories – NAL)
- NAL की स्थापना 1959 में नई दिल्ली में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा की गई थी। यह भारत की पहली और सबसे बड़ी एयरोस्पेस रिसर्च फर्म है।
- NAL की मुख्य जिम्मेदारी भारत में नागरिक विमान विकसित करना है। यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर काम करता है।
हंसा-एनजी के हालिया समुद्री परीक्षण
- 5 मार्च 2022 को, हंसा-एनजी ने पुडुचेरी में समुद्र-स्तरीय परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। 19 फरवरी को , हंसा-एनजी ने 90 मिनट में 140 समुद्री मील की दूरी तय करते हुए पुडुचेरी के लिए उड़ान भरी।
HANSA-NAL जैसे विमान भारत की स्वदेशी क्षमता को बढ़ावा देंगे और भारत को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्यों को साकार करने में मदद करेंगे।
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