IIT रुड़की में ‘परम गंगा’ (PARAM Ganga) सुपर कंप्यूटर स्थापित किया गया

‘परम गंगा’ एक ‘मेड इन इंडिया’ पेटास्केल सुपरकंप्यूटर है, इसे राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (National Supercomputing Mission – NSM) के तहत IIT रुड़की में स्थापित किया गया है।

परम गंगा (PARAM Ganga)

  • परम गंगा की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता 1.66 PFLOPS (Peta Floating-Point Operations per Second) है। इसे राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत C-DAC द्वारा डिजाइन और कमीशन किया गया है।
  • परम गंगा के निर्माण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण घटकों का निर्माण और संयोजन भारत में Centre for Development of Advanced Computing  – C-DAC) द्वारा विकसित एक स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक के साथ किया गया है।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (National Supercomputing Mission – NSM)

  • राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeiTY) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की एक संयुक्त पहल है।
  • इसे C-DAC और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बैंगलोर द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम को डिजाइन, विकसित और चालू करना सी-डैक की जिम्मेदारी है। इस मिशन का लक्ष्य भारत के स्वदेशी सुपरकंप्यूटिंग पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करना है।
  • इस मिशन के चार प्रमुख स्तंभ हैं:
    1. आधारभूत संरचना
    2. एप्लीकेशन
    3. अनुसंधान और विकास (R&D)
    4. मानव संसाधन विकास

सुपर कंप्यूटर

  • सुपरकंप्यूटर सबसे तेज़ और उच्च-प्रदर्शनसिस्टम हैं जो मुख्य रूप से वैज्ञानिक और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं जिनमें उच्च गति की गणना की आवश्यकता होती है।
  • सुपरकंप्यूटर के प्रदर्शन को फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड में मापा जाता है। पेटास्केल कंप्यूटिंग उन कंप्यूटिंग सिस्टम को संदर्भित करता है जो प्रति सेकंड कम से कम 1015 फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन की गणना करने में सक्षम हैं।

‘परम गंगा’ भारतीय वैज्ञानिकों को अधिक कम्प्यूटेशनल शक्ति प्रदान करेगा और विभिन्न विषयों में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देगा।

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