फरवरी 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति 6% से ऊपर रही
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.07% हो गई।
मुद्रास्फीति में उछाल
खुदरा मुद्रास्फीति को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index – CPI) द्वारा मापा जाता है। फरवरी की खुदरा मुद्रास्फीति 6.07% भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की 6% की सीमा से अधिक है। जनवरी में खुदरा महंगाई दर 6.01% थी। इस प्रकार, यह लगातार दूसरा महीना है जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) डेटा ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ऊपरी सीमा 6% को पार कर लिया है।
RBI का मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण ढांचा
- 2016 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अधिनियम, 1934 में संशोधन करके लचीली मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण ढांचे के कार्यान्वयन के लिए एक वैधानिक आधार प्रदान किया गया था।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अधिनियम, 1934 में संशोधन के अनुसार, केंद्र सरकार को RBI के परामर्श से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के संदर्भ में मुद्रास्फीति लक्ष्य को हर पांच साल में एक बार निर्धारित करना चाहिए।
- इस संबंध में 31 मार्च, 2021 को, केंद्र ने अधिसूचित किया कि अगले पांच साल की अवधि (1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026) के लिए मुद्रास्फीति लक्ष्य 4% होगा, जिसमें दोनों तरफ 2% का अंतर होगा।
- इसका मतलब है कि ऊपरी सहनशीलता सीमा 6% है और निचली सहनशीलता सीमा 2% है।
उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (Consumer Food Price Index – CFPI)
MoSPI के आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI), या खाद्य टोकरी में मुद्रास्फीति जनवरी में 5.43% से बढ़कर फरवरी में 5.85% हो गई। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) में वृद्धि तेल और वसा की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है। सब्जियों की कीमतों में भी 6.13% की वृद्धि देखी गई, जबकि मांस और मछली खंड में 7.45% की वृद्धि हुई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (WPI) 13.11 फीसदी रही।
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