रूमेटोइड आर्थराइटिस के लिए आयुर्वेद में क्लिनिकल ट्रायल किया जायेगा
आयुष मंत्रालय ने दुनिया का पहला बहुकेंद्र चरण III नैदानिक परीक्षण शुरू किया है जो रूमेटोइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) उपचार में आयुर्वेद की प्रभावकारिता का आकलन करेगा।
मुख्य बिंदु
- इस परीक्षण की निगरानी डॉ. डेनियल एरिक फर्स्ट (Dr Daniel Erick Furst ) द्वारा की जाएगी जो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के विश्व-प्रसिद्ध रुमेटोलॉजिस्ट हैं।
- आर्य वैद्य फार्मेसी (कोयंबटूर) लिमिटेड और केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद (CCRAS), आयुष मंत्रालय से संबद्ध AVP रिसर्च फाउंडेशन इन परीक्षणों का संचालन करेगा।
यह अध्ययन कब शुरू होगा?
मई 2022 में अध्ययन शुरू होने की उम्मीद है और यह अगले दो वर्षों में पूरा हो जाएगा। इस अध्ययन के लिए नमूने का आकार लगभग 5 गुना बढ़ाकर 48 से 240 रोगियों तक कर दिया गया है।
क्लिनिकल परीक्षण कहाँ आयोजित किए जाएंगे?
तीन जगहों पर क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा। वे सेंट्रल आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर मेटाबोलिक डिसऑर्डर, बेंगलुरु, एवीपी रिसर्च फाउंडेशन, कोयंबटूर और राजा रामदेव आनंदीला सेंट्रल आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर, मुंबई हैं।
रूमेटोइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)
रूमेटोइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) एक सूजन संबंधी ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है। इससे प्रभावित शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है। यह रोग मुख्य रूप से कलाई, हाथ और घुटनों के जोड़ों में होता है।
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