विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क (Decentralised Waste Management Technology Park) का उद्घाटन किया गया
29 मार्च 2022 को Waste to Wealth Mission के तहत पूर्वी जाफराबाद, नई दिल्ली में एक विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क (decentralised waste management technology park) का उद्घाटन किया गया, जो केंद्र सरकार के कार्यालय के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के तहत एक पहल है। इस पार्क को पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सहयोग से लॉन्च किया गया है।
मुख्य बिंदु
- इस पार्क का उद्घाटन केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने किया।
- यह एक पायलट प्रोजेक्ट है जो अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विभिन्न समाधान प्रदान करेगा, जिसमें साइट पर संघनन और अपशिष्ट उपचार से लेकर ठोस कचरे के अर्ध-स्वचालित पृथक्करण (semi-automated segregation) तक शामिल हैं।
- यह पार्क 1,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट उपचार सुविधा (solid waste treatment facility) की क्षमता दस टन है।
अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क (Decentralised Waste Management Technology Park)
2018 में इस परियोजना पर काम “Waste to Wealth Mission” के तहत शुरू हुआ। यह परियोजना अर्ध-स्वचालित (semi-automated) तरीके से नगरपालिका के ठोस कचरे को अलग-अलग उपयोग के लिए विभिन्न घटकों में अलग करेगी। यह पार्क 1,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस स्थान का उपयोग पहले कचरा संग्रहण और खुले में डंपिंग के लिए किया जाता था। इस पार्क के माध्यम से एक टन कंपोस्टेबल तत्व बरामद किए जा सकते हैं जिसे खाद में बदला जाएगा, दो टन ज्वलनशील कचरा रिकवर किया जाएगा जिसका उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा सकता है, और 1.5 टन पुनर्नवीनीकरण सामग्री भी रिकवर की जाएगी। इस पार्क में जमा होने वाले दहनशील कचरे (combustible waste) को कई तकनीकों का उपयोग करके साइट पर संसाधित किया जाएगा, जिससे केवल 5 से 10 प्रतिशत अक्रिय सामग्री लैंडफिल तक पहुंच पाएगी।
इस पार्क में उपयोग की जाने वाली विभिन्न प्रौद्योगिकियां
इस पार्क में पांच तकनीकों का संचालन किया गया है, जिसमें Xaper, एक स्वदेशी तकनीक है जो अर्ध-स्वचालित है और ताजा नगरपालिका ठोस कचरे को पुनर्नवीनीकरण अंशों (recycled fractions) में अलग करती है। इस पार्क में IIT दिल्ली द्वारा निर्मित प्लाज्मा पायरोलिसिस इकाई (plasma pyrolysis unit) भी है, जिसका उपयोग कार्बनयुक्त सामग्री के पर्यावरण के अनुकूल घटकों में थर्मल विघटन के लिए किया जाता है।
इस पार्क में डेनमार्क की Enviro-RISE R-A110 नामक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक का उपयोग तैरते ठोस कचरे को हटाने के लिए किया जाएगा।
नगर निगम के ठोस कचरे के गैसीकरण के लिए गैसीफायर (gasifier) का उपयोग किया जाएगा।
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