‘वरुण’ नौसेना अभ्यास संपन्न हुआ

द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास का 20वां संस्करण, जिसका नाम ‘वरुण’ है, भारत और फ्रांस द्वारा अरब सागर में 30 मार्च से 3 अप्रैल 2022 तक आयोजित किया गया।

मुख्य बिंदु 

इस अभ्यास में दोनों नौसेनाओं की विभिन्न इकाइयों पनडुब्बी, जहाज, लड़ाकू विमान, समुद्री गश्ती विमान और हेलीकॉप्टर इत्यादि ने भाग लिया।

यह अभ्यास क्यों किया जाता है?

यह अभ्यास इसलिए आयोजित किया जाता है ताकि भाग लेने वाली इकाइयाँ समुद्री क्षेत्र में अपने परिचालन कौशल को और बेहतर कर सकें। भाग लेने वाली इकाइयाँ अपनी अंतर-संचालन क्षमता में सुधार करना चाहती हैं ताकि वे विभिन्न समुद्री सुरक्षा संचालन कर सकें। यह इकाइयाँ क्षेत्र की सुरक्षा, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत बल के रूप में अपनी प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करती हैं।

इतिहास

1993 में, दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच यह द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास पहली बार शुरू किया गया था। 2001 में, इस अभ्यास का नाम ‘वरुण’ रखा गया और यह भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।

अभ्यास का उद्देश्य

इस अभ्यास का दायरा पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है। यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं को एक दूसरे से सर्वोत्तम संभव प्रथाओं को सीखने के लिए विभिन्न अवसर प्रदान करता है। इस अभ्यास ने वैश्विक समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को उजागर किया है।

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