कुरील द्वीप समूह पर विवाद : मुख्य बिंदु

जापान ने कहा है कि कामचटका प्रायद्वीप के पास चार द्वीपों पर रूस ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। जापानी इन द्वीपों को ‘उत्तरी क्षेत्र’ कहते हैं जबकि रूस उन्हें ‘कुरिल’ कहता है।

मुख्य बिंदु 

  • यह द्वीप जापान के होक्काइडो से लेकर रूस के कामचटका प्रायद्वीप के सबसे दक्षिणी सिरे तक प्रशांत महासागर के उत्तर में फैले हुए हैं।
  • इन द्वीपों पर जापान और रूस के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।
  • फुमियो किशिदा के नेतृत्व वाली जापानी सरकार ने इन द्वीपों के स्वामित्व को लेकर अपनी गति तेज कर दी है।
  • लगभग 20 वर्षों में पहली बार जापान ने द्वीपों को ‘अवैध रूप से कब्ज़े वाले क्षेत्र’ के रूप में वर्णित किया है।
  • इस शब्द का प्रयोग आखिरी बार 2003 में जापान के विदेश मंत्रालय द्वारा किया गया था।

विवाद 

यह विवाद द्वितीय विश्व युद्ध के अंत का है। रूस का मानना ​​​​है कि चूंकि उसने द्वितीय विश्व युद्ध जीता था, इसलिए द्वीपों का स्वामित्व उsका है क्योंकि जापान ने युद्ध में अपनी हार के कारण क्षेत्र खो दिया था। जापान का तर्क है कि जापानियों ने इन द्वीपों की यात्रा 16वीं शताब्दी में की थी जो रूसियों के आगमन से लगभग 200 वर्ष पहले की है और इसलिए, द्वीप उनके अधिकार में हैं। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद, जापान ने मित्र देशों की सेना के साथ 1951 की सैन फ्रांसिस्को शांति संधि पर हस्ताक्षर किए, जहां जापान ने कुरील द्वीप समूह के सभी अधिकार, दावा  को त्याग दिया।

सैनिक अभ्यास

कुरील द्वीप विवाद से हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति खतरे में रहने की आशंका को तेज करते हुए रूस ने इन द्वीपों पर सैन्य अभ्यास किया है।

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