PFC ने लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज पर ग्रीन बांड सूचीबद्ध किये
सरकारी स्वामित्व वाली पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) ने घोषणा की है कि उसके 300 मिलियन यूरो के पहले ग्रीन बॉन्ड लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज (LSE) में सूचीबद्ध किए गए हैं। आर.एस. ढिल्लों, PFC अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) ने गिफ्ट IFSC गुजरात में आयोजित लिस्टिंग समारोह के दौरान घंटी बजाई।
लिस्टिंग किस समझौते के तहत की गई है?
यह लिस्टिंग LSE और इंडिया INX के बीच हुए सहयोग समझौते के तहत की गई है। इस समझौते पर ESG स्पेस और ग्रीन बॉन्ड में पारस्परिक हित के क्षेत्रों को शामिल करने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे। PFC ने लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज (LSE) पर अपना पहला ग्रीन बॉन्ड सूचीबद्ध किया है, जो दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन बॉन्ड लिस्टिंग प्लेटफॉर्म है।
इस लिस्टिंग से PFC को कैसे मदद मिलेगी?
वर्ष 2021 में, PFC ने घोषणा की कि वह सात वर्षों के लिए 300 मिलियन यूरो के बांड जारी करेगा। इसके साथ, कंपनी पहली बार यूरोपीय बाजारों में प्रवेश करेगी। LSE पर सूचीबद्ध होने से, PFC यूरोपीय बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने में सक्षम होगा, जिससे भविष्य के वित्तपोषण की सुविधा में मदद मिलेगी ताकि भारत सरकार द्वारा निर्धारित हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। इस लिस्टिंग से PFC को यूरोपीय निवेशकों के बीच अपनी दृश्यता बढ़ाने का मौका मिलेगा।
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन क्या है?
PFC एक भारतीय वित्तीय संस्थान है जो विद्युत मंत्रालय के दायरे में आता है। यह संगठन वर्ष 1986 में स्थापित किया गया था और यह भारतीय विद्युत क्षेत्र की वित्तीय रीढ़ है। PFC बिजली क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा गैर-बैंकिंग वित्तीय निगम (NBFC) है।
ग्रीन बॉन्ड क्या हैं?
ग्रीन बॉन्ड एक प्रकार के निश्चित आय वाले साधन हैं जिनका उपयोग पर्यावरण और जलवायु परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए किया जाता है। ये बांड आम तौर पर परिसंपत्ति से जुड़े होते हैं और जारीकर्ता इकाई की बैलेंस शीट द्वारा समर्थित होते हैं, इसलिए, वे जारीकर्ता के अन्य ऋण दायित्वों के समान क्रेडिट रेटिंग रखते हैं।
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