महाराष्ट्र ने नए रिजर्व और वन्यजीव अभयारण्य को मंज़ूरी दी
महाराष्ट्र राज्य वन्यजीव बोर्ड (MSBWL) ने हाल ही में वन्यजीव संरक्षण आंदोलन और पर्यावरण संरक्षण आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए 12 नए संरक्षण भंडार और 3 वन्यजीव अभयारण्यों को मंजूरी दी है।
मुख्य बिंदु
- इन संरक्षित क्षेत्रों का क्षेत्रफल लगभग 1,000 वर्ग किमी होगा। इसमें 692.74 वर्ग किमी का क्षेत्र संरक्षण भंडार (conservation reserves) के लिए होगा जबकि 303 वर्ग किमी का क्षेत्र वन्यजीव अभयारण्यों के लिए होगा।
- निम्नलिखित संरक्षण भंडारों की अधिसूचना के लिए स्वीकृति दी गई:
- धुले में चिवतीबावरी और अललदारी
- नासिको में कलवान, मुरगड, त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी
- रायगढ़ जिले में रायगढ़ और रोहा
- पुणे में भोर
- सतारा में दारे खुर्द
- कोल्हापुर में मसाई पठार
- नागपुर में मोगरकासा।
- इस मंजूरी से राज्य को 3 नए वन्यजीव अभ्यारण्य भी मिलेंगे:
- लोनार वन्यजीव अभयारण्य का विस्तार
- गढ़चिरौली में कोलामार्का- यह क्षेत्र वामपंथी चरमपंथियों की उपस्थिति से प्रभावित है। इसने एशियाई जंगली भैंसों को खतरे में डाल दिया है। 2013 में, इसे संरक्षण रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया गया था।
- जलगाँव में मुक्ताई भवानी
महाराष्ट्र में राष्ट्रीय उद्यान
महाराष्ट्र में छह राष्ट्रीय उद्यान हैं, इसके अलावा 15 संरक्षण भंडार और 50 अभयारण्य हैं। इसमें छह बाघ परियोजनाएं हैं, अर्थात् मेलघाट, पेंच, ताडोबा-अंधारी, नवेगांव-नागज़ीरा, बोर और सह्याद्री। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा प्रकाशित ‘स्टेटस ऑफ टाइगर्स इन इंडिया, 2018’ रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बाघों की अनुमानित संख्या 2014 में 190 के मुकाबले 312 थी।
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