बिहार का महात्मा गांधी सेतु : मुख्य बिंदु
7 जून, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महात्मा गांधी सेतु के लिए अधिरचना प्रतिस्थापन (superstructure replacement) का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- केंद्रीय मंत्री ने हाजीपुर और पटना में 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
- महात्मा गांधी सेतु का निर्माण 1,742 करोड़ रुपये से किया गया था।
- केन्द्रीय मंत्री ने “NH-85 के छपरा-गोपालगंज खंड” का भी उद्घाटन किया, जिसे 1,192 करोड़ की लागत से बनाया गया है।
- उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाला यह पुल बिहार की जीवन रेखा है।
- इस सुपरस्ट्रक्चर प्रतिस्थापन परियोजना के साथ, इस पर क्रॉसिंग का समय 2 से 3 घंटे से घटाकर 5 से 10 मिनट कर दिया गया है।
महात्मा गांधी सेतु (Mahatma Gandhi Setu)
यह पटना में गंगा नदी पर बना चार लेन का पुल है। इसका निर्माण वर्ष 1980 के दौरान बिहार सरकार द्वारा किया गया था और मई 1982 में इसका उद्घाटन किया गया था। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस पुल के पुनर्वास के लिए लगभग 15 वर्षों तक प्रयास किया, लेकिन ऐसा करने में विफल रहा। कई शोधों के बाद, मौजूदा अधिरचना को नष्ट करने और स्टील ट्रस द्वारा इसे फिर से अलंकृत करने का निर्णय लिया गया। इसकी कुल लंबाई 5,750 मीटर है, जो भारत का तीसरा सबसे लंबा नदी पुल है। यह 1982 से 2017 के बीच भारत का सबसे लंबा नदी पुल बना था। इसका उद्घाटन मई 1982 में हुआ था। इसका निर्माण गैमन इंडिया लिमिटेड द्वारा दस वर्षों में किया गया था।
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