असम का ‘मिशन भूमिपुत्र’ (Mission Bhumiputra) क्या है?
1 अगस्त 2022 को असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा ने ‘मिशन भूमिपुत्र’ का अनावरण किया। इस मिशन के तहत छात्रों को डिजिटल जाति प्रमाण पत्र सरल और डिजिटल तरीके से जारी किए जाएंगे। इसे जनजातीय कार्य विभाग और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग द्वारा लागू किया जाएगा।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- ‘मिशन भूमिपुत्र’ जनता को आसान सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के सरकार के मिशन को जारी रखेगा।
- इसके तहत सरकार द्वारा दो स्तंभ बनाए जाएंगे।
- यह मिशन जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मैनुअल प्रणाली को खत्म कर देगा।
- यह बिना किसी गड़बड़ी के ऐसे दस्तावेजों को हासिल करने में लोगों की समस्या का भी समाधान करेगा।
मिशन भूमिपुत्र के तहत
- उपायुक्त 8 अगस्त, 2022 से सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रधानाध्यापकों को जाति प्रमाण पत्र के आवेदनों का नया प्रारूप प्रदान करेंगे।
- प्रधानाध्यापकों को आवेदन प्रारूप भरना होगा और उपायुक्तों को जमा करना होगा, जो इसे संबंधित जाति या जनजाति के बोर्डों को अग्रेषित करेंगे।
- उपायुक्त तब बोर्डों के साथ बैठक करेंगे और छात्रों के लिए जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रोटोकॉल पर निर्णय लेंगे।
- यदि इस प्रक्रिया में कोई संदेह आता है, तो आगे के सत्यापन के लिए आवेदन भेजा जा सकता है।
- डिजी लॉकर में आईटी एक्ट के तहत जाति प्रमाण पत्र मिलेगा। इसे संबंधित उपायुक्तों द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा।
इस पोर्टल का उपयोग कक्षा 8वीं के छात्र वर्ष 2023 से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। यह पोर्टल सीएम के डैशबोर्ड के अनुरूप होगा और मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरी प्रक्रिया की निगरानी करने में सक्षम करेगा।
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