सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित qHPV लांच किया गया
हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India – SII) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) वैक्सीन लॉन्च किया।
मुख्य बिंदु
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पिछले महीने सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित इस वैक्सीन के उत्पादन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को बाजार की अनुमति दी थी।
- सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए यह भारत में पहला क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) होगा।
- इस वैक्सीन के लॉन्च होने के बाद सरकार जल्द ही 9-14 साल की उम्र की लड़कियों के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम चलाएगी।
- सर्वाइकल कैंसर के 85 प्रतिशत से 90 प्रतिशत मामलों में देखा गया है कि वैक्सीन के अभाव में कैंसर बढ़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर हम छोटे बच्चों को यह टीका पहले ही दे दें तो वे संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे और संभव है कि 30 साल बाद उन्हें सर्वाइकल कैंसर न हो।
भारत में सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर भारत में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है, हालांकि इसे रोका जा सकता है। यह कैंसर आमतौर पर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में निदान किया जाता है। Globocan 2020 के अनुसार, 2020 में सर्वाइकल कैंसर सभी कैंसर का 9.4% और नए कैंसर के मामलों में 18.3% था। 1990-2016 के दौरान, सर्वाइकल कैंसर, 12 भारतीय राज्यों में महिलाओं के लिए कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा मुख्य कारक था।
राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम (National Cancer Control Programme – NCCP)
राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम पहली बार भारत में 1975 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत मौजूदा कैंसर अस्पताल और संस्थानों को लैस करने के लिए प्राथमिकता दी गई थी। रेडियोथेरेपी के लिए कोबाल्ट मशीन खरीदने के लिए प्रत्येक कैंसर संस्थान को 2.50 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की गई।
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