8 सितंबर : अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day)

व्यक्तियों, समुदायों और समाजों के लिए साक्षरता के महत्व को याद दिलाने के लिए हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) मनाया जाता है।

पृष्ठभूमि

यूनेस्को द्वारा 26 अक्टूबर, 1966 को यूनेस्को के सम्मेलन के 14वें सत्र में इस दिवस की घोषणा की गई थी। पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1967 में मनाया गया था। यह परंपरा अब 50 से अधिक वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित की जा रही है।

उद्देश्य

व्यक्तियों, समुदायों और समाजों के लिए साक्षरता के महत्व और अधिक साक्षर समाज बनाने के लिए गहन प्रयासों की आवश्यकता के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाने के उद्देश्य से इस दिन की घोषणा की गई थी।

साक्षरता और सतत विकास लक्ष्य

साक्षरता लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ-साथ सतत विकास के लिए इसके 2030 एजेंडा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। SDG का लक्ष्य 4 यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि सभी युवा, पुरुषों और महिलाओं सहित वयस्कों का पर्याप्त अनुपात 2030 तक साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त करें।

भारत में साक्षरता

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में कुल 74.04% जनसँख्या साक्षर हैं। पिछले दशक (2001-11) की तुलना में इसमें 9.2% की वृद्धि हुई। यूनेस्को इस बात पर प्रकाश डालता है कि, भारत को 2060 तक सार्वभौमिक साक्षरता हासिल करने में और 50 साल लगेंगे।

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