भारत का पहला इंट्रानेज़ल कोरोना वैक्सीन पेश किया गया
भारत बायोटेक द्वारा देश के पहले इंट्रानेज़ल COVID वैक्सीन को हाल ही में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए संक्रमण के खिलाफ प्राथमिक टीकाकरण के लिए DCGI की मंजूरी मिली है। इस वैक्सीन को ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 नाम दिया गया है।
मुख्य बिंदु
ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 (चिंपांज़ी एडेनोवायरस वेक्टरेड) भारत बायोटेक द्वारा COVID-19 के लिए रिकॉम्बिनेंट नेज़ल वैक्सीन अपनी तरह का पहला सुई-मुक्त वैक्सीन है।
इस टीके की मंजूरी से पहले, हैदराबाद बेस्ड भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने लगभग 4,000 स्वयंसेवकों पर इस टीके के तीसरे चरण का परीक्षण किया। इस ट्रायल में वैक्सीन कारगर साबित हुई। जिसके बाद इस टीके को 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिए आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के तहत अनुमोदित किया गया है।
ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19
- यह एक नया इंट्रानेज़ल वैक्सीन है जो बिना सुई (इंजेक्शन) की मदद के दिया जाता है।
- यह मध्यम आय वाले देशों के लिए एक सुरक्षित और अधिक प्रभावी विकल्प साबित होगा।
- कंपनी के अनुसार, यह टीका व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाता है।
- वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित इस नए इंट्रानेज़ल वैक्सीन के साथ स्केलेबिलिटी में कोई समस्या नहीं होगी।
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड
भारत बायोटेक का मुख्यालय हैदराबाद में है। यह कंपनी दवा की खोज, दवा विकसित करने, टीके, फार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों के निर्माण में कार्यरत्त है। इसकी स्थापना 1996 में हुई थी।
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