11 अक्टूबर: अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of the Girl Child)
हर साल, यूनिसेफ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर को मनाया जाता है।
मुख्य बिंदु
यह दिन पूरी दुनिया में लड़कियों के महत्व, शक्ति और क्षमता का जश्न मनाता है। यह दिन लड़कियों की आवश्यकताओं और उनके सामने आने वाली समस्याओं पर भी प्रकाश डालता है।
सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal)
सतत विकास लक्ष्य 5 का लक्ष्य 2030 तक लैंगिक समानता हासिल करना है। महिलाएं पुरुषों की तुलना में 2.6 गुना अधिक अवैतनिक और घरेलू काम करती हैं। 2019 के सतत विकास सूचकांक के उपाय में कहा गया है कि लैंगिक समानता 129 देशों में 17 SDG में से 14 के अनुरूप है।
इतिहास
इस दिन की शुरुआत कनाडा में प्लान इंटरनेशनल के रूप में हुई। इसकी शुरुआत एक NGO ने की थी। बाद में NGO ने संयुक्त राष्ट्र से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिन को चिह्नित करने का अनुरोध किया ।
भारत
भारत अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस और राष्ट्रीय बालिका दिवस दोनों मनाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को हर साल मनाया जाता है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day)
यह देश में गिरते बाल लिंग अनुपात के मुद्दे पर जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बालिकाओं के मूल्यांकन में सकारात्मक वातावरण बनाना है। इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
भारत सरकार ने 2015 में योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य देश में हर बालिका को शिक्षा प्रदान करना है। यह बाल लिंग अनुपात में गिरावट के मुद्दे को भी संबोधित करता है। योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी सुरक्षा करना है।
यह योजना त्रि-मंत्रालयी प्रयास है। इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
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