“अग्नि प्राइम” बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया गया
“अग्नि प्राइम” बैलिस्टिक मिसाइल का हाल ही में ओडिशा के तट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
मुख्य बिंदु
- हालिया परीक्षण अग्नि प्राइम मिसाइल की लगातार तीसरा परीक्षण है।
- इसने स्वदेशी मिसाइल प्रणाली की सटीकता और विश्वसनीयता की पुष्टि की।
- अग्नि प्राइम का पहला परीक्षण जून 2021 में किया गया था, दूसरा छह महीने बाद दिसंबर में हुआ था।
- इन दो परीक्षणों ने यह भी देखा कि मिसाइल उच्च स्तर की सटीकता के साथ मिशन के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर रही है।
- इन सफल परीक्षणों के साथ, मिसाइल को अब सामरिक परमाणु कमान द्वारा उपयोगकर्ता परीक्षणों में डाल दिया जाएगा, जो भारत के सामरिक और रणनीतिक परमाणु हथियार भंडार के प्रबंधन और प्रशासन के लिए जिम्मेदार है।
- इन परीक्षणों के पूरा होने के बाद, अग्नि-पी को आधिकारिक तौर पर सामरिक बल कमान शस्त्रागार में शामिल किया जाएगा।
- एक बार शामिल होने के बाद, यह मिसाइल 1,000 से 2,000 किमी की सीमा के साथ भारत की परमाणु प्रतिरोध (nuclear deterrence) में एक महत्वपूर्ण संपत्ति बन जाएगी।
- इससे पहले, भारत ने अक्टूबर 2022 में अपनी INS अरिहंत पनडुब्बी से पनडुब्बी से लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था।
अग्नि-पी (Agni-P)
अग्नि प्राइम या अग्नि-पी, अग्नि वर्ग की मिसाइलों का एक परमाणु-सक्षम अगली पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। मध्यम दूरी की इस मिसाइल को DRDO द्वारा अग्नि- I और अग्नि- II मिसाइलों को बदलने के लिए विकसित किया गया था। 10 मीटर लंबी इस दो चरणों वाली कनस्तरीकृत मिसाइल की अधिकतम सीमा 2,000 किलोमीटर है। इसका वजन अग्नि 3 मिसाइलों के 50 प्रतिशत से भी कम है। यह नए मार्गदर्शन और प्रणोदन प्रणाली से लैस है। इस मिसाइल को मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है।
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